नई दिल्ली (IANS) — हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (HPCL) भारतीय स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूती देने की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। अब तक कंपनी ने 28 स्टार्टअप्स को 27 करोड़ रुपये का निवेश प्रदान किया है, यह जानकारी केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने शनिवार को दी।
HPCL की ‘उद्गम’ पहल के अंतर्गत अब तक कुल 35 करोड़ रुपये की निधि जुटाई गई है, जो स्वच्छ और हरित ऊर्जा के क्षेत्र में नवाचार कर रहे स्टार्टअप्स को समर्थन देने के लिए है।
पुरी ने सोशल मीडिया मंच X पर पोस्ट करते हुए कहा,
“भारत का ऊर्जा भविष्य नवाचार से आकार ले रहा है। HPCL की 'उद्गम' पहल ऐसे स्टार्टअप्स को सशक्त बना रही है जो ग्रीन हाइड्रोजन और एथनॉल, स्मार्ट एलपीजी सिलेंडर और उत्सर्जन नियंत्रण, आईओटी समाधान और कैशलेस तकनीक, अपशिष्ट से ऊर्जा और कार्बन कैप्चर जैसी तकनीकों पर कार्य कर रहे हैं।”
उन्होंने आगे लिखा,
“35 करोड़ रुपये की निधि जुटाई गई है, 27 करोड़ रुपये का निवेश किया गया है, और 28 स्टार्टअप्स को सहयोग प्रदान किया गया है। HPCL एक स्वच्छ और आत्मनिर्भर ऊर्जा अर्थव्यवस्था के निर्माण में योगदान दे रहा है।”
मंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्टार्टअप इंडिया अभियान को भी इसका श्रेय देते हुए कहा कि,
“यह पहल देश भर में नवाचार को सतत गति दे रही है।”
पुरी ने यह भी जानकारी दी कि ऑयल इंडिया लिमिटेड भी इस दिशा में योगदान दे रही है, और 50 करोड़ रुपये के स्टार्टअप फंड के तहत 15 स्टार्टअप्स को सहयोग दे रही है। ये स्टार्टअप्स हाइड्रोजन फ्यूल सेल आधारित ई-बस की डिज़ाइन, तेल कुओं की जाँच के लिए वायरलेस रोबोट के निर्माण, और तेल एवं गैस संचालन के बहु-कार्यात्मक समाधानों पर काम कर रहे हैं।
उन्होंने एक अन्य X पोस्ट में कहा,
“इन स्टार्टअप्स को पंख देकर, ऑयल इंडिया लिमिटेड उनके सपनों को हकीकत में बदलने में मदद कर रही है और रोजगार के नए द्वार खोल रही है।”
इस बीच, HPCL ने वित्त वर्ष 2024-25 की जनवरी-मार्च तिमाही में 3,355 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ दर्ज किया है, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 18 प्रतिशत अधिक है।
सरकारी स्वामित्व वाली यह तेल शोधन और विपणन कंपनी इस तिमाही में 1.19 लाख करोड़ रुपये की कुल आय पर पहुँची है। कंपनी अब दक्षिण भारत स्थित विशाख रिफाइनरी की क्षमता को 20 प्रतिशत तक बढ़ाने की योजना बना रही है, ताकि देश में ईंधन की बढ़ती मांग को पूरा किया जा सके।