समर्थ योजना: अब तक 3.20 लाख लाभार्थियों को मिला रोज़गार, 88% महिलाएं लाभान्वितBy Admin Sat, 24 May 2025 05:44 AM

नई दिल्ली: वस्त्र मंत्रालय के अनुसार, समर्थ योजना के तहत अब तक 4.32 लाख लाभार्थियों को प्रशिक्षण दिया गया है, जिनमें से 3.20 लाख को सफलतापूर्वक रोज़गार मिला है। इनमें से 88 प्रतिशत से अधिक महिलाएं हैं, जो इस योजना के महिला-सशक्तिकरण दृष्टिकोण को दर्शाता है।

टेक्सटाइल उत्पादन, हस्तकला और नवाचार के क्षेत्रों में महिलाओं को सशक्त बनाकर यह योजना लैंगिक समावेशी विकास को बढ़ावा दे रही है।

यह योजना देशभर में लागू है — जम्मू-कश्मीर से लेकर अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह तक — जिससे कौशल विकास को देश के हर कोने तक पहुंचाया जा रहा है।

सरकार का लक्ष्य वस्त्र उत्पादन में वृद्धि, अवसंरचना का आधुनिकीकरण, नवाचार को प्रोत्साहन और तकनीक में सुधार के लिए कुशल मानव संसाधन तैयार करना है, जिससे भारत को वैश्विक टेक्सटाइल हब के रूप में स्थापित किया जा सके।

केंद्रीय वस्त्र मंत्री गिरिराज सिंह ने समर्थ योजना के अंतर्गत उद्योग जगत के भागीदारों और लाभार्थियों से संवाद किया। उन्होंने हथकरघा, हस्तशिल्प, जूट और रेशम क्षेत्रों से जुड़े लाभार्थियों से भी मुलाकात की।

लाभार्थियों ने मंत्री को बताया कि कैसे इस योजना से उन्हें आत्मनिर्भरता मिली है और उनके जीवनयापन के साधन सुदृढ़ हुए हैं। उन्होंने योजना की सफलता और सकारात्मक प्रभाव से जुड़े अपने अनुभव भी साझा किए।

मंत्री ने भारत में वस्त्र क्षेत्र की अहमियत को रेखांकित करते हुए बताया कि यह देश के सबसे बड़े रोज़गार देने वाले क्षेत्रों में से एक है, और मंत्रालय की विभिन्न योजनाओं, विशेष रूप से समर्थ योजना के माध्यम से लाभार्थियों को कई तरह की सहायता दी जा रही है।

इस दौरान उद्योग जगत के प्रतिनिधियों ने भी योजना की वर्तमान स्थिति, इसमें आ रही चुनौतियों, विकास की संभावनाओं और कुशल जनशक्ति के लिए मौजूद अवसरों पर अपने विचार रखे।

समर्थ योजना का उद्देश्य संगठित वस्त्र और संबंधित क्षेत्रों में रोजगार सृजन के लिए उद्योग की पहल को प्रोत्साहित करना और उसमें सहयोग देना है। यह योजना वस्त्र मूल्य श्रृंखला के सभी क्षेत्रों को कवर करती है, सिवाय कताई (स्पिनिंग) और बुनाई (वीविंग) के।

इस बीच, वस्त्र क्षेत्र में स्टार्टअप्स की संख्या में भी उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है। केंद्र सरकार के उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (DPIIT) के अनुसार, 2020 में जहां केवल 204 स्टार्टअप्स थे, वहीं 2023 में यह संख्या बढ़कर 703 और 2024 में 765 तक पहुंच गई है।

 

With inputs from IANS