नई दिल्ली: आम जनता को राहत देते हुए केंद्र सरकार ने क्रूड पाम ऑयल, क्रूड सोयाबीन ऑयल और क्रूड सनफ्लावर ऑयल पर बेसिक कस्टम ड्यूटी को 20% से घटाकर 10% कर दिया है। इससे घरेलू बाजार में खाद्य तेलों की कीमतों में गिरावट आने की उम्मीद है और घरेलू बजट पर पड़ रहे बोझ में भी कमी आएगी।
सरकार का यह फैसला तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है। अप्रैल महीने में खाद्य तेलों की कीमतों में 17.4% तक की बढ़ोतरी हुई थी, जबकि खुदरा महंगाई दर घट रही थी। इसी को देखते हुए यह कदम उठाया गया है।
इस फैसले से घरेलू तेल प्रोसेसिंग उद्योगों को भी फायदा होगा, क्योंकि अब उनके लिए कच्चे माल की लागत कम होगी।
कस्टम ड्यूटी में इस कटौती के बाद अब इन तीनों तेलों पर कुल प्रभावी आयात शुल्क 27.5% से घटकर 16.5% रह गया है।
सितंबर 2024 में सरकार ने क्रूड और रिफाइंड वेजिटेबल ऑयल्स पर 20% बेसिक कस्टम ड्यूटी लगाई थी, जिससे क्रूड पाम ऑयल, सोया ऑयल और सनफ्लावर ऑयल पर कुल 27.5% ड्यूटी लग रही थी। वहीं, रिफाइंड ऑयल्स पर यह शुल्क 35.75% था।
भारत हर साल 15-16 मिलियन टन खाद्य तेल का आयात करता है, जो कि देश की कुल खाद्य तेल खपत (23-25 मिलियन टन) का बड़ा हिस्सा है।
भारत पाम ऑयल का आयात इंडोनेशिया, मलेशिया और थाईलैंड से करता है, जबकि सोया और सनफ्लावर ऑयल अर्जेंटीना, ब्राज़ील, रूस और यूक्रेन से मंगाया जाता है।
महंगाई पर नजर रखते हुए सरकार ने गुरुवार को गेहूं पर स्टॉक लिमिट लगाने का भी आदेश दिया है, जिससे जमाखोरी और कीमतों में अनावश्यक बढ़ोतरी को रोका जा सके।
नए आदेश के अनुसार:
With inputs from IANS