नई दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा की गई जोरदार 50 बेसिस पॉइंट्स (bps) की रेपो रेट कटौती से होम लोन लेने वालों, खासतौर पर मौजूदा उधारकर्ताओं को ब्याज दर में राहत मिलने जा रही है। विशेषज्ञों का कहना है कि इससे उनकी ईएमआई में कमी और ऋण अवधि में कटौती देखने को मिल सकती है।
यह निर्णय ऐसे समय में आया है जब भारत, जो अब दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है, में रियल एस्टेट सेक्टर महानगरों के साथ-साथ टियर-2 और टियर-3 शहरों में भी तेज़ी पकड़ रहा है।
क्रेडाई (CREDAI) के अध्यक्ष शेखर जी. पटेल ने कहा,
“कम ब्याज दरें होम लोन की वहन क्षमता को सीधे प्रभावित करेंगी, खासकर मिड-इनकम और अफोर्डेबल हाउसिंग जैसे श्रेणियों में। ईएमआई में कमी से खरीदारों का विश्वास बढ़ेगा और पहली बार घर खरीदने वालों को बाज़ार में आने के लिए प्रोत्साहन मिलेगा।”
रेपो रेट वह दर है जिस पर आरबीआई बैंकों को ऋण देता है। जब यह दर घटती है, तो बैंक आमतौर पर ग्राहकों को दिए जाने वाले ऋण पर ब्याज दरें घटा देते हैं।
इसका सीधा फायदा यह होगा कि होम, पर्सनल और बिज़नेस लोन सस्ते होंगे और लोगों को कम ईएमआई चुकानी पड़ेगी। यानी जो लोग पहले से लोन ले चुके हैं या नया लोन लेने की सोच रहे हैं, उनके लिए यह खबर बेहद राहत भरी है।
बाहरी बेंचमार्क लेंडिंग नियमों के तहत, मौजूदा लोनधारकों को 50 बीपीएस की पूरी कटौती का लाभ मिलेगा।
सैपिएंट फिनसर्व के फाउंडर डायरेक्टर अमित बिवलकर ने कहा,
“यह कटौती उम्मीद से अधिक है। ज़्यादातर लोग 25 बीपीएस कटौती की उम्मीद कर रहे थे। फरवरी 2025 से अब तक यह कुल 100 बेसिस पॉइंट्स की कटौती हो चुकी है, जिसका मकसद लोन को सस्ता करना और बाजार में नकदी बढ़ाना है।”
इंडिया मॉर्गेज गारंटी कॉरपोरेशन (IMGC) की चीफ रिस्क ऑफिसर कनिका सिंह ने कहा,
“पिछले दो रेट कट्स का फायदा पहले ही उधारकर्ताओं को मिल चुका है। अब 50 बीपीएस की कटौती से, अगर बैंकों द्वारा इसे तुरंत लागू किया गया, तो होम लोन की ईएमआई में बड़ी राहत मिलेगी।”
With inputs from IANS