नई दिल्ली: भारत पशुधन निर्यात, खासकर मूल्य संवर्धित (वैल्यू एडेड) उत्पादों के क्षेत्र में खुद को वैश्विक नेता के रूप में स्थापित कर सकता है और उद्योग को अधिक आकांक्षी बनते हुए वित्त वर्ष 2025-26 (FY26) में 20 प्रतिशत निर्यात वृद्धि का लक्ष्य रखना चाहिए। यह बात केंद्र सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों ने कही।
वित्त वर्ष 2024-25 (FY25) में पशु उत्पादों का कुल निर्यात $5114.19 मिलियन रहा, जो 12.56 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है।
यह बात APEDA (कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण) और पशुपालन और डेयरी विभाग (DAHD) द्वारा राजधानी दिल्ली में आयोजित एक कार्यशाला में सामने आई। कार्यशाला का विषय था:
"पशुधन और उनके मूल्य संवर्धित उत्पादों का निर्यात: भविष्य की संभावनाएं और आगे की राह"।
DAHD की सचिव, अल्का उपाध्याय ने कहा कि यह लक्ष्य रोग नियंत्रण ढांचे में निवेश, गुणवत्ता सुधार, डिप्लोमैटिक चैनलों के ज़रिए बाजारों तक पहुंच और बायो-सिक्योरिटी उपायों से हासिल किया जा सकता है।
उन्होंने कहा,
"उद्योग को पशुधन के प्रसंस्करण पर ध्यान देना चाहिए और संयंत्रों व इकाइयों को स्टार रेटिंग प्रदान कर उत्पादों की गुणवत्ता में सुधार करना चाहिए, ताकि निर्यात विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी बन सके।"
कार्यशाला में केंद्र और राज्य सरकारों के वरिष्ठ अधिकारी, उद्योग जगत के प्रतिनिधि, नीति विशेषज्ञ और वैज्ञानिक शामिल हुए। इस दौरान भारत के पशुधन निर्यात तंत्र को मजबूत करने पर चर्चा हुई — जिसमें गुणवत्ता सुधार, रोग नियंत्रण, बाज़ार पहुंच, मुँह-पैर रोग (FMD)-मुक्त ढांचा, तकनीकी प्रगति, बाज़ार विश्लेषण और वैश्विक मानकों के अनुरूप तालमेल जैसे विषय शामिल रहे।
पशुपालन विभाग की अपर सचिव वर्षा जोशी ने विशेष संबोधन में रोग नियंत्रण प्रयासों की जानकारी दी और कहा:
"गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए संसाधनों की सतत आपूर्ति, स्वच्छता, मेल काफ (नर बछड़ा) संरक्षण परियोजना, बाज़ार जानकारी और देश में FMD-मुक्त क्षेत्र की स्थापना बहुत जरूरी है।"
उन्होंने बताया कि कर्नाटक, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा, महाराष्ट्र और गुजरात को FMD मुक्त राज्य घोषित करने की दिशा में कार्य किया जा रहा है।
जोशी ने ट्रेसबिलिटी (उत्पादों की स्रोत तक पहचान) को पूरे वैल्यू चेन में लागू करने और पशुपालन आधारभूत संरचना विकास कोष (AHIDF) के तहत उद्योग को सहयोग देने की आवश्यकता पर बल दिया।
APEDA के चेयरमैन अभिषेक देव ने भारत की भूमिका को स्वच्छ, ट्रेसेबल और गुणवत्ता-सुनिश्चित पशु उत्पादों के विश्वसनीय निर्यातक के रूप में रेखांकित किया।
उन्होंने कहा,
"नए बाजारों में पहुंच बनाकर, नवाचारपूर्ण और प्रोसेस्ड उत्पादों को विकसित कर पशु उत्पादों के निर्यात को उल्लेखनीय रूप से बढ़ाया जा सकता है। उद्योग को उच्चतम गुणवत्ता और मानकों को बनाए रखना चाहिए।"
With inputs from IANS