
मुंबई| बॉलीवुड दिवा मलाइका अरोड़ा अपनी जीवन-यात्रा और फैसलों को बेहद महत्व देती हैं। उनका कहना है कि उनके लिए आत्म-मूल्य (Self-worth) का अर्थ है मंच और स्पॉटलाइट से परे अपने असली स्वरूप को पहचानना।
जब मलाइका से पूछा गया कि एक ऐसी इंडस्ट्री में, जहां अक्सर बाहरी मान्यता को महत्व दिया जाता है, आत्म-मूल्य का क्या मतलब है? उन्होंने आईएएनएस से कहा: “मेरे लिए आत्म-मूल्य का मतलब है यह जानना कि मैं रोशनी से परे कौन हूं। यह मेरी यात्रा, मेरे फैसलों और मेरी सच्चाई की कद्र करना है, न कि सिर्फ तालियों और रायों पर निर्भर रहना।”
अभिनेत्री ने अपने मेकअप के साथ रिश्ते पर भी बात की, जो समय के साथ काफी बदल गया है। उन्होंने कहा कि पहले यह उनके लिए ज़रूरी लगता था, लेकिन आज यह आत्म-अभिव्यक्ति का साधन बन गया है।
मलाइका ने कहा, “करियर की शुरुआत में मुझे लगता था कि कैमरे के लिए मेकअप ज़रूरी है। आज यह आत्म-अभिव्यक्ति का तरीका लगता है।” वह इस समय ब्रांड HYUE की एंबेसडर भी हैं।
उन्होंने बताया कि अपनी यात्रा के दौरान उन्होंने प्रयोग करना सीखा है। “मैंने इस प्रक्रिया का आनंद लेना सीखा है, ज्यादा प्रयोग करना सीखा है और मेकअप का इस्तेमाल छिपाने की बजाय अपनी खूबियों को निखारने के लिए करना सीखा है।”
जब उनसे पूछा गया कि कैमरे के पीछे उनका लुक कैसा होता है, तो उन्होंने कहा: “ऑफ कैमरा मैं इसे सिंपल और मिनिमल रखती हूं, लेकिन हमेशा एक बोल्ड एलिमेंट जरूर पसंद करती हूं—चाहे वह स्ट्रॉन्ग लिप्स हों या डिफाइंड आईज।”
मलाइका को पहली बार एमटीवी इंडिया में वीजे के रूप में चुना गया था। इसके बाद उन्होंने मॉडलिंग की दुनिया में कदम रखा और कई विज्ञापनों तथा म्यूजिक एल्बम्स में दिखाई दीं, जैसे बाली सागू का मशहूर गाना “गुर नालो इश्क मिठा” (जस अरोड़ा के साथ) और बॉलीवुड चार्टबस्टर “छैंया छैंया” (फिल्म दिल से…, 1998)।
इसके बाद वह माही वे (2002), काल धमाल (2005) और मुन्नी बदनाम हुई (2010) जैसे गानों में भी नज़र आईं। बतौर अभिनेत्री उन्होंने कांटे (2002) और ईएमआई (2008) जैसी फिल्मों में काम किया।
वह इंडियाज़ गॉट टैलेंट में जज की भूमिका निभा रही हैं। 2019 में वह एमटीवी सुपरमॉडल ऑफ द ईयर की जज और होस्ट रहीं, जबकि 2020 में इंडियाज़ बेस्ट डांसर में भी जज बनीं।
With inputs from IANS