
नई दिल्ली। सबा आज़ाद, जो फिल्म “बंदर (मंकी इन अ केज)” में नज़र आ रही हैं, कहती हैं कि उनका किरदार ‘खुशी’ एक नैतिक रूप से जटिल दुनिया से जुड़ा हुआ है। लेकिन उनके लिए बेहतरीन अभिनय की कुंजी संवेदनशीलता (एम्पैथी) में है।
सबा ने कहा, “अभिनय का अर्थ यह नहीं है कि हम वही अनुभव जी चुके हों जो हमारे किरदारों ने जिए हैं, बल्कि यह है कि हम उनकी परिस्थितियों को समझ सकें और उनसे सहानुभूति रख सकें, चाहे वह स्थिति कितनी भी नैतिक रूप से धुंधली क्यों न हो। मैंने खुशी के साथ पूरी कोशिश की कि उससे सहानुभूति रख सकूं।”
फिल्म “बंदर” का प्रदर्शन टोरंटो इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल (TIFF) के 50वें संस्करण में ‘स्पेशल प्रेजेंटेशंस’ सेक्शन में किया गया। सबा का कहना है कि इस फिल्म को लोग चाहे पसंद करें या नापसंद, लेकिन इसे नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता।
उन्होंने कहा, “अनुराग कश्यप की फिल्में सिनेमाघर छोड़ने के बाद भी आपके साथ बनी रहती हैं। यह फिल्म भी वैसी ही है। यह निश्चित तौर पर चर्चा पैदा करेगी और अलग-अलग लोगों में परस्पर विरोधी भावनाएँ जगाएगी। आपको यह पसंद आएगी या नफरत होगी, लेकिन इसे नज़रअंदाज़ नहीं कर पाएंगे।”
“बंदर” सत्ता, आघात और स्मृति जैसे विषयों को टटोलती है और एक सुपरस्टार पर लगे बलात्कार के आरोप की कहानी के इर्द-गिर्द घूमती है, जिसमें कानूनी व्यवस्था की अन्यायपूर्ण परतें उजागर होती हैं।
सामाजिक और राजनीतिक वास्तविकताओं को दर्शाने वाली कहानियों को बताने के अपने तरीके पर सबा ने कहा, “स्क्रिप्ट के किसी भी हिस्से की तरह। जिज्ञासा के साथ और ईमानदारी से निभाने के प्रयास के साथ।”
यह फिल्म निर्माता निखिल द्विवेदी द्वारा प्रस्तुत और अनुराग कश्यप द्वारा निर्देशित है। इसमें बॉबी देओल, सान्या मल्होत्रा और सपना पब्बी भी अहम भूमिकाओं में हैं।
बॉबी देओल के साथ काम करने पर सबा ने कहा कि कहानी के साथ-साथ उनका रिश्ता भी विकसित होता है।
उन्होंने बताया, “शुरुआत में उनका रिश्ता बिल्कुल साधारण है। लेकिन जैसे-जैसे कहानी आगे बढ़ती है, वैसे-वैसे उनके रिश्ते में जटिलता और कई विरोधाभासी व उलझे हुए भावनात्मक पहलू सामने आते हैं।”
सबा ने बॉबी देओल की जमकर तारीफ की और कहा, “बॉबी एक उदार सह-अभिनेता हैं; वह फिल्म में बेहद संवेदनशील दिखते हैं। उनके साथ काम करना अद्भुत अनुभव था।”
With inputs from IANS