
मुंबई — अंतरराष्ट्रीय एमी पुरस्कार विजेता सीरीज़ ‘दिल्ली क्राइम’ के तीसरे सीज़न में नकारात्मक किरदार निभा रहीं अभिनेत्री सयानी गुप्ता ने अपने रोल और किरदार के मनोवैज्ञानिक पहलुओं पर खुलकर बात की है।
‘दिल्ली क्राइम 3’ में सयानी का किरदार मानव तस्करी से जुड़ा है। वह पूरी चेन में व्यवस्था बनाए रखने का काम करती है और हुमा कुरैशी के किरदार ‘बड़ी दीदी’ की दूसरी कमांड में है।
मुंबई के बीकेसी इलाके में आईएएनएस से बातचीत में सयानी ने बताया कि उनका किरदार “पीड़ित से उत्पीड़क बनने” की प्रक्रिया का प्रतीक है।
उन्होंने कहा, “मेरा किरदार ‘कुसुम’ एक परेशानहाल पृष्ठभूमि से आती है। नैतिकता जैसी चीज़ें उसके लिए मायने नहीं रखतीं। वह कहीं-न-कहीं ‘बड़ी दीदी’ को आदर्श मानती है। वह केवल अपने लिए जीती है, किसी और के लिए नहीं।”
सयानी ने आगे बताया, “मैं अपने हर किरदार के साथ उसका स्पिरिट एनिमल खोजने की कोशिश करती हूं। कुसुम का स्पिरिट एनिमल एक चूहा है — छोटा सा, फुर्तीला, जो ऐसे कोनों और सुराखों में घुस जाता है जहां बाकी चूहे नहीं पहुंच पाते। उसके पास हमेशा अपने बुरे वक्त के लिए कुछ जमा होता है। वह बेहद चतुर है, पर बुरी नहीं। उसका दिल बुरा नहीं है, वह बस अपने हालात का सबसे अच्छा इस्तेमाल करने की कोशिश कर रही है।”
उन्होंने आगे कहा, “कभी-कभी उसे खुद भी नहीं पता होता कि अगला कदम क्या होगा। वह लगातार बदलती रहती है। कभी पीड़ित, तो कभी उत्पीड़क। कई बार शूटिंग के दौरान मुझे उन लड़कियों के साथ सख्ती बरतने पर बुरा लगता था, जो मानव तस्करी की पीड़िताओं की भूमिका में थीं। लेकिन शूटिंग के दौरान हमारे बीच बहुत अच्छी दोस्ती हो गई और हमने एक छोटी-सी टीम बना ली थी। फिर भी, मैं उनसे माफ़ी मांगती हूं।”
With inputs from IANS