
मुंबई — इंटरनेशनल एमी पुरस्कार विजेता स्ट्रीमिंग सीरीज़ ‘दिल्ली क्राइम’ के हाल ही में रिलीज हुए तीसरे सीज़न में अपनी भूमिका में प्रमोशन पाने वाली अभिनेत्री रसिका दुग्गल ने साझा किया कि जब वह किसी सेट पर जाती हैं, तो सबसे पहले किस चीज़ पर ध्यान देती हैं।
तीसरे सीज़न के प्रमोशनल इंटरव्यू के दौरान आईएएनएस से बातचीत में रसिका ने बताया कि वह फ़िल्म निर्माण के तकनीकी पहलुओं और रचनात्मकता के बीच संतुलन कैसे बनाए रखती हैं।
रसिका ने कहा, “जब मैं किसी सेट पर प्रवेश करती हूं, तो मैं सबसे पहले सोचती हूं — ‘उम्मीद है कि यहाँ एक अच्छा फोकस पुलर है।’ यही उस समय मेरी प्रार्थना होती है। इसलिए मैं मानती हूं कि तकनीकी पहलू बेहद महत्वपूर्ण हैं। कुछ निर्देशक ऐसे होते हैं जो आपके लिए यह भूल जाना आसान बना देते हैं कि यह काम तकनीकी रूप से कितना कठिन है। और कुछ तकनीशियन इतने दक्ष होते हैं कि आपको याद ही नहीं रहने देते कि कैमरा कहाँ है या आपको किस मार्क पर खड़ा होना है।”
उन्होंने आगे कहा कि कुछ सेटों पर तकनीकी सटीकता को लेकर बहुत सख्ती होती है। “ऐसी परिस्थितियों में भी काम करना पड़ता है,” उन्होंने बताया।
“मेरे अनुभव में, जब निर्देशक और तकनीकी टीम कलाकार को तकनीकी बातों की चिंता किए बिना स्वाभाविक रूप से काम करने देते हैं, तब सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन निकलता है। कुछ सेट ऐसे होते हैं जहाँ मुझे यह भी नहीं पता होता कि फोकस पुलर कौन है। वह कभी सामने नहीं आता, न यह कहता है कि ‘यह तुम्हारा मार्क है।’ आप थोड़ा इधर-उधर हिलें, और वह आपको वहीं पकड़ लेता है जहाँ निर्देशक चाहता है।”
रसिका ने आगे एक उदाहरण साझा किया, “एक शो में मेरा आखिरी दृश्य बहुत भावनात्मक था, जहाँ मुझे ज़ोर-ज़ोर से रोना था। अगर वह सीन ठीक से नहीं बनता, तो पूरा किरदार कमजोर पड़ जाता। वह एक ट्रैक शॉट था, जिसमें आधे सेकंड के लिए फोकस चला गया। मैंने उसका एक और टेक दिया, और एक सेफ्टी टेक भी लिया गया, लेकिन उसमें पहली बार वाला जादू नहीं था। निर्देशक ने फिर भी पहला टेक ही चुना।
डीओपी अब भी नाराज़ है — वह बोला, ‘तुमने मेरी खराब क्वालिटी दर्शकों को दिखा दी।’ लेकिन कभी-कभी ऐसा होता है — किसी और के काम को बचाने के लिए आपको अपने हिस्से का समझौता करना पड़ता है, क्योंकि आखिरकार यह एक सामूहिक प्रयास है।”
‘दिल्ली क्राइम 3’ फिलहाल नेटफ्लिक्स पर स्ट्रीम हो रही है।
With inputs from IANS