
मुंबई- टेलीविजन की मशहूर अदाकारा मधुरा नाइक ने गैर-मराठी भाषियों पर मराठी भाषा थोपने को लेकर एमएनएस कार्यकर्ताओं द्वारा की गई हिंसा के खिलाफ आवाज उठाई है।
शनिवार को अभिनेत्री ने अपने इंस्टाग्राम पर एक वीडियो साझा किया, जिसमें उन्होंने इस मुद्दे पर खुलकर बात की और इसे हिंदू समाज से जोड़ते हुए अपनी राय रखी।
वीडियो में मधुरा नाइक ने कहा, "हिंदू धर्म क्या सिखाता है? वसुधैव कुटुंबकम् — पूरा विश्व एक परिवार है। हमारे भारत में हम सभी एक हैं। मराठी, हिंदी, गुजराती, तमिल — सभी हमारी ही भाषाएं हैं। भाषा हमारे अभिमान का विषय है, लेकिन धर्म हमें जोड़ता है, धर्म हमें एक बनाता है। मैं मुंबई से हूं, मैं महाराष्ट्रीयन हूं।"
अभिनेत्री ने बताया कि उन्होंने मिडिल ईस्ट के अरब देश बहरीन में पढ़ाई की थी। उनकी मराठी शुरुआत में अच्छी नहीं थी, लेकिन उन्होंने सुधारने की पूरी कोशिश की और महाराष्ट्र के लोगों ने उनकी बहुत मदद की क्योंकि उन्होंने स्कूल में कभी मराठी नहीं सीखी थी।
मधुरा ने आगे कहा, "मैंने मराठी घर पर सीखी क्योंकि यह मेरी मातृभाषा है। लेकिन जब मैं मुंबई आई, तब मेरी मराठी इतनी अच्छी नहीं थी। मैंने जितना हो सका, मराठी बोलने की कोशिश की। महाराष्ट्र के लोगों ने मेरी बहुत मदद की, लेकिन उन्होंने कभी मेरी मराठी की तारीफ नहीं की। मेरी मातृभाषा मराठी है। मेरे पिताजी इसराइल गए। मैं मिडिल ईस्ट में रहती हूं। मैं दुबई में रहती हूं। लेकिन मैं हमेशा सबको कहती हूं कि मैं हिंदू हूं। मैंने इसराइली डेलीगेशन को भी यही कहा कि मैं हिंदू हूं। क्योंकि मैं हिंदू हूं। जब मैं अपने देश भारत लौटी, अपने राज्य महाराष्ट्र आई, और मेरी मराठी उतनी अच्छी नहीं थी, तब भी लोगों ने मुझे कभी जज नहीं किया। यही असली महाराष्ट्र है — गर्व और गौरव वाला। यही छत्रपति शिवाजी महाराज की परंपरा है। यही महाराज की परंपरा है।"
उन्होंने आगे कहा, "इसीलिए मैं कहती हूं — मराठी बोलो। गर्व से बोलो। 100% बोलो। लेकिन जो नहीं बोल पाते, उन्हें थप्पड़ मत मारो। किसी को मारकर कुछ सिखाया नहीं जा सकता। प्यार से बात करो, प्यार से सिखाओ। छत्रपति शिवाजी महाराज के महाराष्ट्र में हिंदू कभी हिंदू के दुश्मन नहीं हो सकते। बिल्कुल नहीं। हम सभी एक हैं — धर्म के लिए और देश के लिए। सबका सम्मान, सबकी एकता। अगर आपको लगता है कि मेरा यह संदेश सही है, तो इस वीडियो को शेयर करो। कमेंट में अपनी राय दो। चलो हिंदुओं की एकता को और मज़बूत करें। भाषा में विविधता हमारी ताकत है, कमजोरी नहीं। जय शिवाजी, जय भवानी, जय महाराष्ट्र और जय हिंद।"
With inputs from IANS