मुंबई- पेशेवर पोकर खिलाड़ी निकिता लूथर ने रियलिटी शो 'द ट्रेटर्स' के पहले सीजन की विजेताओं में जगह बनाई है।
आईएएनएस से खास बातचीत में निकिता लूथर ने इस बात का खुलासा किया कि क्या उन्होंने 'द ट्रेटर्स' के दौरान मासूमों के साथ कोई चालाकी या धोखा किया।
निकिता ने कहा, "इस खेल का नाम ही 'मैनिपुलेशन' यानी चालाकी पर आधारित था। लेकिन मेरी नजर में जो भी मैनिपुलेशन मैंने किया, वो सकारात्मक तरीके से किया। मैंने सबको दिखाया कि मैं एकदम मासूम हूं, मुझे कुछ समझ नहीं आता। यही मेरी सर्वाइवल स्ट्रैटजी थी। मैंने किसी से कोई लड़ाई नहीं की। मैंने खुद को मासूम दिखाकर ही लोगों को प्रभावित किया। मासूम दिखना ही मेरी सबसे बड़ी चालाकी थी।"
जब उनसे पूछा गया कि क्या उन्होंने शो में कोई झूठी दोस्ती बनाई, तो उन्होंने कहा, "नहीं, मुझे नहीं लगता कि मैंने कोई नकली दोस्ती की। शुरुआत में मुझे दोस्त बनाने के लिए बहुत मेहनत करनी पड़ी। असल में, वो मेरी सबसे प्यारी यादों में से एक है।"
निकिता ने आगे कहा कि वह भविष्य में खुद को किसी और रियलिटी शो में नहीं देखतीं क्योंकि उन्हें लगता है कि वह इस तरह के शोज के लिए बनी ही नहीं हैं।
वहीं, 'द ट्रेटर्स' की एक और विजेता उर्फी जावेद ने इस शो को 'बिग बॉस' से ज्यादा स्मार्ट बताया।
उर्फी ने आईएएनएस से कहा, "'द ट्रेटर्स' दिमाग का खेल है, ड्रामा का नहीं। मैंने खुद को 'बिग बॉस' में कभी नहीं देखा, मैं तो वहां से एक हफ्ते में ही बाहर आ गई थी। 'बिग बॉस' और 'द ट्रेटर्स' दोनों बहुत अलग हैं। 'द ट्रेटर्स' में आपको दिमाग लगाना पड़ता है।"
उर्फी ने बताया कि शो के दौरान उनकी रणनीति शांत और सोच-समझकर खेलने की थी। उन्होंने कहा, "उस शो में जीतना मकसद है, लड़ाई करना नहीं। 'द ट्रेटर्स' प्राइम पर एक क्लास अपील वाला शो है।"
निकिता लूथर और उर्फी जावेद ने शो में मासूम बने सुधांशु पांडे और ट्रेटर्स हर्ष गुर्जराल व पुरव झा को मात देकर ट्रॉफी अपने नाम की।
With inputs from IANS