जमशेदपुर — झारखंड के जमशेदपुर में सक्रिय साइबर अपराधियों ने कम से कम 12 अमेरिकी नागरिकों को ठग लिया है। अधिकारियों ने बुधवार को इसकी पुष्टि की।
मामला तब सामने आया जब पीड़ितों ने अमेरिका में पुलिस से शिकायत की, जिसे बाद में भारत के विदेश मंत्रालय को भेजा गया। इसके बाद भारतीय जांच एजेंसियों ने त्वरित कार्रवाई करते हुए कई स्तरों पर जांच शुरू कर दी है।
प्रारंभिक जांच से पता चला है कि जमशेदपुर से जुड़े फोन नंबरों का इस्तेमाल इस धोखाधड़ी में किया गया। इसके बाद केंद्रीय एजेंसियों ने झारखंड पुलिस को सतर्क किया। जमशेदपुर सिटी एसपी कुमार शिवाशिष ने सभी डीएसपी और थाना प्रभारियों को साइबर नेटवर्क पर नज़र रखने और सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए।
पुलिस के अनुसार, यह गिरोह साकची, मानगो, टेल्को, गोविंदपुर और बारीडीह क्षेत्रों से काम कर रहा था। कई संदिग्धों की पहचान हो चुकी है और छापेमारी जारी है। जांचकर्ताओं ने बताया कि गिरोह के सदस्य खुद को तकनीकी सहायता कर्मी या सरकारी अधिकारी बताकर अमेरिकी नागरिकों को कंप्यूटर, बैंकिंग या तकनीकी समस्याओं का हवाला देकर पैसे ठग लेते थे।
एक अधिकारी ने बताया, “गिरोह ने कॉल-सेंटर जैसी व्यवस्था बना रखी थी, जहां अंग्रेजी बोलने वाले सदस्य विदेशी नागरिकों को विशेष रूप से निशाना बनाते थे।”
पुलिस को शक है कि इस नेटवर्क के अंतरराष्ट्रीय संबंध भी हो सकते हैं और अमेरिका के अलावा अन्य देशों के लोग भी इसके शिकार बने हों। केंद्रीय और अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों की मदद से पैसे के लेन-देन के सुराग और मास्टरमाइंड्स की पहचान की जा रही है।
अब तक मिले साक्ष्य बताते हैं कि गिरोह की मुख्य गतिविधियां मानगो, टेल्को और साकची में केंद्रित थीं, जहां से कॉल किए जाते थे और पैसे का लेन-देन होता था। पुलिस को आशंका है कि यह गिरोह महीनों, बल्कि वर्षों से सक्रिय था, जिसे विदेशी शिकायतों के बाद उजागर किया गया।
With inputs from IANS