वित्त मंत्री ने नेत्रदान की प्रतिज्ञा ली, नेत्रदाता परिवारों को किया सम्मानितBy Admin Sun, 07 September 2025 03:20 PM

रांची: 40वें राष्ट्रीय नेत्रदान पखवाड़े के अवसर पर सेंट जेवियर्स कॉलेज, रांची में भव्य “ब्लाइंडफोल्डेड रन फॉर विज़न” का आयोजन किया गया। इसका संयुक्त आयोजन आई डोनेशन अवेयरनेस क्लब और कश्यप मेमोरियल आई बैंक ने किया। सैकड़ों छात्र-छात्राओं, एनएसएस स्वयंसेवकों और नागरिकों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।

मुख्य अतिथि और वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने रंग-बिरंगे गुब्बारे उड़ाकर दौड़ की शुरुआत की। अपने भावुक संबोधन में उन्होंने नेत्रदान की शपथ लेते हुए कहा, “मेरी आंखें अगर किसी के जीवन में प्रकाश ला सकती हैं, तो इससे बड़ा अर्थपूर्ण कुछ नहीं हो सकता। मैंने अपने परिवार से कह दिया है कि मेरी मृत्यु के बाद यदि डॉक्टर मेरी आंखें लेने आएं तो कोई उन्हें न रोके।”

उन्होंने डॉ. भारती कश्यप और उनकी टीम को समाज से नेत्रदान से जुड़ी भ्रांतियों को दूर करने के प्रयास के लिए बधाई दी और कहा कि वे जीवनभर झारखंड की सेवा केवल इंसानियत के आधार पर करेंगे, जाति और समुदाय से ऊपर उठकर।

कार्यक्रम में आईएमए रांची और झारखंड चैप्टर, झारखंड स्टेट सर्विस एसोसिएशन, एफजेसीसीआई और दोनों कॉलेजों के छात्र-छात्राओं ने रैली में भाग लिया। मंत्री ने 30 परिवारों को सम्मानित किया जिन्होंने अपने परिजनों की मृत्यु के बाद उनकी आंखें दान कीं।

ब्लाइंडफोल्डेड रन फॉर विज़न पिछले 23 वर्षों से लगातार आयोजित हो रही है और इस बार लगातार सातवें वर्ष प्रतिभागियों ने आंखों पर पट्टी बांधकर दौड़ लगाई ताकि वे अस्थायी अंधापन का अनुभव कर सकें और सहानुभूति विकसित हो।

डॉ. भारती कश्यप ने बताया कि उनके संस्थान ने अब तक 1,015 कॉर्नियल ट्रांसप्लांट किए हैं, जिनमें से 490 पिछले पांच वर्षों में हुए हैं और यह सब बिना किसी सरकारी सहायता के संभव हुआ। उन्होंने बताया कि भारत में हर साल लगभग 1 करोड़ मौतें होती हैं, लेकिन केवल 30,000 कॉर्नियल ट्रांसप्लांट हो पाते हैं, जबकि 2.5 लाख से अधिक मरीज प्रतीक्षा सूची में हैं। इसका सबसे बड़ा कारण समाज में प्रचलित भ्रांतियां हैं।

यह पहल केवल जागरूकता ही नहीं, बल्कि सहानुभूति, जिम्मेदारी और कार्रवाई की संस्कृति जगाने का अनोखा प्रयास है — एक आंख से शुरुआत करते हुए।