लेतेहार — झारखंड के लेतेहार जिले के जंगलों में पुलिस और सुरक्षा बलों के साथ हुई मुठभेड़ में सीपीआई (माओवादी) के टॉप कमांडर मनीष यादव मारा गया। उस पर 5 लाख रुपये का इनाम घोषित था। इस अभियान में 10 लाख रुपये के इनामी एक अन्य वरीय माओवादी कुंदन खरवार को जिंदा गिरफ्तार किया गया।
यह मुठभेड़ नेतरहाट थाना क्षेत्र के अंतर्गत दौना और करमखार के जंगलों में रविवार देर रात से सोमवार सुबह तक चली।
लेतेहार एसपी कुमार गौरव के अनुसार, सुरक्षा एजेंसियों को क्षेत्र में माओवादियों की मौजूदगी की खुफिया सूचना मिली थी। इसके आधार पर पुलिस और सुरक्षा बलों की संयुक्त टीम ने तलाशी अभियान शुरू किया।
जैसे ही सुरक्षा बल जंगल के अंदर बढ़े, माओवादियों ने फायरिंग शुरू कर दी। सुरक्षा बलों ने भी जवाबी कार्रवाई की और दोनों पक्षों के बीच लगभग तीन घंटे तक मुठभेड़ चली। फायरिंग रुकने के बाद एक माओवादी का शव बरामद हुआ, जिसकी पहचान मनीष यादव के रूप में की गई।
तलाशी के दौरान कुंदन खरवार को गिरफ्तार किया गया, जो झारखंड पुलिस की मोस्ट वांटेड सूची में शामिल था। घटनास्थल से हथियार और अन्य आपत्तिजनक सामान भी बरामद किए गए।
पुलिस के अनुसार, माओवादी किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने के इरादे से इस जंगल में जुटे थे, जिसे समय रहते विफल कर दिया गया।
यह मुठभेड़ पिछले तीन दिनों में दूसरी बड़ी कामयाबी है, जो लेतेहार पुलिस को माओवादी विरोधी अभियान के तहत मिली है।
इससे पहले 24 मई को इचवार जंगल में हुई मुठभेड़ में 10 लाख के इनामी पप्पू लोहरा और 5 लाख के इनामी प्रभात लोहरा मारे गए थे, जबकि एक घायल माओवादी को गिरफ्तार किया गया था। ये सभी झारखंड संघर्ष मुक्ति मोर्चा, एक प्रतिबंधित संगठन, से जुड़े हुए थे।
इसके पहले, 21 अप्रैल को बोकारो जिले के लुगू पहाड़ क्षेत्र में पुलिस और सुरक्षा बलों की एक बड़ी कार्रवाई में 1 करोड़ के इनामी माओवादी कमांडर प्रयाग मांझी सहित आठ माओवादी मारे गए थे।
झारखंड में माओवादियों के खिलाफ चल रहे संयुक्त अभियान में यह लगातार मिल रही बड़ी सफलताओं का प्रमाण है।
With inputs from IANS