हजारीबाग: झारखंड के हजारीबाग जिले के केरेडारी प्रखंड में अवैध कोयला खदान में फंसे तीन मजदूरों के शव तेरह दिन बाद बरामद कर लिए गए हैं। अधिकारियों ने सोमवार देर रात शवों के मिलने की पुष्टि की।
मृतकों की पहचान प्रमोद शाह (45), उमेश कुमार (25) और नौशाद अंसारी (24) के रूप में हुई है। तीनों केरेडारी थाना क्षेत्र के कंडाबेर गांव के रहने वाले थे।
जानकारी के अनुसार, 21 मई को भारी बारिश के कारण खावा नदी उफान पर आ गई थी। स्थानीय ग्रामीणों के अनुसार, तेज बहाव के कारण तीनों मजदूर अवैध खदान की सुरंग में बह गए थे। क्षेत्र में कई ऐसी अवैध खदानें मौजूद हैं, जिन्हें कथित रूप से कोयला माफिया संचालित करते हैं और जिनमें सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं होते।
जिस खदान में मजदूर फंसे थे, वह लगभग 100 फीट गहरी थी और पानी भर जाने के कारण राहत और बचाव कार्य बहुत मुश्किल हो गया था। राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) ने तीन दिन तक तलाशी अभियान चलाया, लेकिन पानी भराव के कारण उसे रोकना पड़ा।
इसके बाद एनटीपीसी और एक निजी कंपनी ने खदान से पानी निकालने का जिम्मा संभाला। लगातार कई दिनों तक पंपिंग के बाद जलस्तर कम हुआ, जिससे सोमवार रात ग्रामीणों को शव बरामद करने में सफलता मिली।
मंगलवार सुबह पुलिस ने शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल, हजारीबाग भेजा। दोपहर बाद शवों को गांव लाया गया और अंतिम संस्कार किया गया।
घटना से गांव में मातम पसरा हुआ है। शवों के गांव पहुंचते ही परिजनों और ग्रामीणों में कोहराम मच गया। परिजन शवों से लिपटकर रोते-बिलखते नजर आए।
शवों के मिलने के बाद ग्रामीणों ने सरकार से पीड़ित परिवारों को मुआवजा और एक-एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की मांग दोहराई।
गौरतलब है कि खावा नदी क्षेत्र में अवैध खनन की घटनाएं लगातार सामने आती रही हैं, लेकिन इसके बावजूद प्रशासनिक सख्ती के अभाव में यह धंधा बदस्तूर जारी है। रोजगार की कमी के चलते बड़ी संख्या में स्थानीय लोग इन खतरनाक खदानों में काम करने को मजबूर हैं।
With inputs from IANS