झारखंड के कोल्हान में 35 दिनों में चार हाथियों की मौत से मचा हड़कंपBy Admin Thu, 10 July 2025 01:45 PM

रांची – कभी जंगली हाथियों का सुरक्षित आश्रय माने जाने वाला झारखंड का कोल्हान प्रमंडल अब उनके लिए कब्रगाह बनता जा रहा है। पिछले 35 दिनों में चार हाथियों की मौत ने वन्यजीव सुरक्षा और मानव-पशु संघर्ष पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

ताज़ा घटना गुरुवार को पश्चिमी सिंहभूम जिले के सेरेनगासिया घाटी में सामने आई, जहां एक जंगली हाथी मृत अवस्था में पाया गया। स्थानीय लोगों का दावा है कि हाथी की मौत करंट लगने से हुई है।

"हमें हाथी के शव की जानकारी मिली, जिसके बाद मेडिकल टीम मौके पर भेजी गई। पोस्टमार्टम जारी है, और मौत का असली कारण रिपोर्ट के बाद ही स्पष्ट होगा," वन प्रभाग अधिकारी आदित्य नारायण ने कहा।

इससे पहले 5 जुलाई को सरायकेला के सरंडा जंगल में छह वर्षीय हाथी 'गदरू' की मौत हो गई थी। उसे 24 जून को कथित माओवादी द्वारा लगाए गए आईईडी विस्फोट में गंभीर चोटें आई थीं। गुजरात की वन्यजीव एनजीओ 'वंतारा' की मदद से इलाज की कोशिश की गई, लेकिन वह जान नहीं बचा सके।

24 जून को ही चांडिल वन क्षेत्र के हेवन गांव में एक मादा हाथी की भी करंट लगने से मौत हो गई थी। जांच में सामने आया कि एक किसान ने अवैध रूप से अपने खेत में बिजली दौड़ा दी थी। आरोपी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गई है और गिरफ्तारी के लिए प्रयास जारी हैं।

इससे पहले 5 जून को अंबेडा गांव के पास एक और हाथी मृत पाया गया था, जिसकी मौत का कारण अब तक स्पष्ट नहीं है।

पिछले तीन वर्षों में कोल्हान क्षेत्र में 15 से अधिक हाथियों की जान जा चुकी है। नवंबर 2023 में पूर्वी सिंहभूम के बेनियासाई गांव में करंट लगने से पांच हाथियों की मौत हुई थी। जुलाई 2024 में भी बहरागोड़ा ब्लॉक के भदुआ गांव के पास एक मादा हाथी मृत अवस्था में मिली थी।

इस जुलाई में संसद में दिए एक लिखित उत्तर में केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय ने बताया कि पिछले पांच वर्षों में देशभर में 528 हाथियों की अप्राकृतिक कारणों से मौत हुई है, जिनमें से 30 मौतें केवल झारखंड में करंट लगने से हुई हैं।

 

With inputs from IANS