गढ़वा के किसान की ग्राफ्ट खेती ने बटोरी सुर्खियांBy Admin Sat, 02 August 2025 06:29 AM

रांची: झारखंड और उत्तर प्रदेश की सीमा के पास स्थित गढ़वा जिले का एक किसान, हृदयनाथ चौबे, ग्राफ्ट खेती के ज़रिये प्रदेशभर में चर्चा का विषय बन गया है। पूर्व प्रधानाध्यापक चौबे ने सेवानिवृत्ति के बाद खेती में कदम रखा और सब्जियों की आधुनिक ग्राफ्ट तकनीक को अपनाया।

उन्होंने अंबिकापुर (छत्तीसगढ़) से 10 रुपये प्रति पौधा की दर से ग्राफ्टेड पौधे मंगवाए और टमाटर व बैंगन की खेती शुरू की। उनके अनुसार, ये पौधे सामान्य पौधों की तुलना में दोगुना उत्पादन देते हैं और रोगों के प्रति भी अधिक सहनशील होते हैं। साथ ही, इन्हें साल के किसी भी मौसम में लगाया जा सकता है, जिससे किसान ऑफ-सीजन में भी अच्छी कमाई कर सकते हैं।

चौबे ने बताया कि परंपरागत धान या गेहूं की खेती से एक एकड़ में अधिकतम 30,000 रुपये की बचत होती है, जबकि ग्राफ्टेड सब्जियों की खेती से 2 से 3 लाख रुपये प्रति एकड़ तक की कमाई संभव है।

जिला कृषि अधिकारी शिव शंकर प्रसाद ने बताया कि ग्राफ्टेड पौधे जंगली बैंगन की जड़ों पर लगाए जाते हैं, जिससे इनकी जड़ से जुड़ी बीमारियाँ नहीं होतीं और इनकी वृद्धि भी मजबूत होती है। यह तकनीक छत्तीसगढ़ में पहले से ही लोकप्रिय है और झारखंड में भी तेजी से अपनाई जा रही है।

हृदयनाथ चौबे की मेहनत अब झारखंड के अन्य किसानों के लिए प्रेरणा बन रही है, जो अब आधुनिक खेती की ओर रुख कर रहे हैं।

 

With inputs from IANS