गुमला — झारखंड पुलिस ने मंगलवार देर रात गुमला ज़िले में मुठभेड़ के दौरान प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन पीपुल्स लिबरेशन फ्रंट ऑफ इंडिया (PLFI) के स्वयंभू सुप्रीमो और 15 लाख रुपये के इनामी माओवादी मार्टिन केरकेट्टा को मार गिराया। इसकी पुष्टि बुधवार को अधिकारियों ने की।
करीब दो दशकों से गुमला, खूंटी, सिमडेगा, लोहरदगा और रांची जिलों में आतंक का पर्याय बना केरकेट्टा, 70 से अधिक हिंसक मामलों में वांछित था।
गुमला के एसपी हैरिस बिन जमा ने बताया कि पुलिस को खुफिया जानकारी मिली थी कि केरकेट्टा के नेतृत्व में एक PLFI दस्ता कामदारा थाना क्षेत्र के चंगाबारी उपरटोली इलाके में एक स्थानीय व्यवसायी से वसूली के इरादे से आया है।
इस सूचना पर कार्रवाई करते हुए पुलिस की विशेष टीम — जिसमें जिला एंटी-नक्सल क्यूआरटी और दो थानों की फोर्स शामिल थी — ने घेराबंदी और तलाशी अभियान शुरू किया।
पुलिस को आता देख केरकेट्टा और उसके साथियों ने फायरिंग शुरू कर दी। जवाबी कार्रवाई में केरकेट्टा मौके पर ही मारा गया। मुठभेड़ स्थल से हथियार और गोलाबारूद भी बरामद किए गए हैं।
इसके बाद इलाके में अन्य नक्सलियों की तलाश के लिए व्यापक तलाशी अभियान चलाया गया।
रेडमा गांव, कामदारा निवासी केरकेट्टा, पूर्व PLFI प्रमुख दिनेश गोप का करीबी सहयोगी था और उनके नेपाल से गिरफ्तारी के बाद संगठन की कमान संभाल चुका था। वह PLFI की केंद्रीय समिति का सदस्य भी था और कई उच्च-प्रोफ़ाइल हिंसात्मक वसूली घटनाओं में शामिल रहा था।
केरकेट्टा इससे पहले दो बार पुलिस मुठभेड़ों से बच चुका था।
मीडिया से बात करते हुए एसपी जमा ने कहा,
"15 लाख रुपये के इनामी PLFI सुप्रीमो मार्टिन केरकेट्टा को गुमला पुलिस ने ऑपरेशन में मार गिराया है। यह हमारे एंटी-नक्सल अभियान की बड़ी सफलता है।"
With inputs from IANS