झारखंड हाईकोर्ट का निर्देश: RIMS में चार सप्ताह के भीतर भर्ती प्रक्रिया शुरू होBy Admin Thu, 07 August 2025 06:26 AM

रांची- झारखंड हाईकोर्ट ने बुधवार को राज्य सरकार और रांची स्थित राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान (RIMS) को निर्देश दिया कि डॉक्टरों और स्वास्थ्य अधिकारियों के रिक्त पदों पर नियुक्ति प्रक्रिया चार सप्ताह के भीतर शुरू की जाए।

मुख्य न्यायाधीश तारलोक सिंह चौहान और न्यायमूर्ति राजेश शंकर की खंडपीठ ने यह आदेश राज्य के प्रमुख सरकारी अस्पताल में स्टाफ और चिकित्सा उपकरणों की कमी एवं कुप्रबंधन को लेकर दायर एक जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान दिया।

यह लगातार दूसरा दिन था जब इस मामले की सुनवाई हुई। मंगलवार को अदालत ने राज्य के स्वास्थ्य सचिव और RIMS के निदेशक को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने का आदेश दिया था। आदेश के पालन में दोनों अधिकारी बुधवार को अदालत में मौजूद रहे।

पीठ ने स्वास्थ्य सचिव से पूछा कि सरकार द्वारा समय-समय पर जारी की गई राशि का उचित उपयोग क्यों नहीं किया गया और अप्रयुक्त धन की निगरानी के लिए कोई तंत्र क्यों नहीं है।

इस पर सचिव ने कहा कि RIMS एक स्वायत्त संस्था है और धन के उपयोग से जुड़े निर्णय संचालन समिति द्वारा लिए जाते हैं।

अदालत ने RIMS निदेशक डॉ. राज कुमार से यह भी पूछा कि उनके कार्यकाल में संस्थान को कितनी राशि मिली, कितने चिकित्सा उपकरण खरीदे गए, कितनी राशि वापस की गई, और MRI जैसे आवश्यक उपकरण अब तक क्यों नहीं खरीदे गए।

डॉ. राज कुमार को इन सभी सवालों का जवाब एक विस्तृत हलफनामे के रूप में गुरुवार तक दाखिल करने और उस दिन पुनः अदालत में उपस्थित होने का निर्देश दिया गया है।

सुनवाई के दौरान यह मुद्दा भी उठा कि कुछ डॉक्टर गैर-प्रैक्टिसिंग भत्ता (NPA) ले रहे हैं, जबकि वे निजी प्रैक्टिस भी कर रहे हैं।

अदालत ने ऐसे डॉक्टरों की बायोमेट्रिक उपस्थिति का विवरण मांगा है और पूछा है कि अब तक क्या कार्रवाई की गई है या आगे क्या योजना है।

यह जनहित याचिका ज्योति शर्मा द्वारा दायर की गई थी, जिन्होंने RIMS में रिक्त पदों और आवश्यक चिकित्सा उपकरणों की अनुपलब्धता का मुद्दा उठाया था, जिससे मरीजों की देखभाल पर गंभीर असर पड़ रहा है।

 

With inputs from IANS