बिहार एसआईआर पर केवल एक राजनीतिक दल ने दर्ज की आपत्ति; 1.4 लाख से अधिक मतदाताओं से आवेदन प्राप्त: चुनाव आयोगBy Admin Mon, 25 August 2025 07:03 AM

नई दिल्ली। भारत निर्वाचन आयोग (ECI) ने सोमवार को कहा कि बिहार में विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) के तहत अभी तक कुल 1,40,931 आवेदन मतदाताओं से प्राप्त हुए हैं, जिनमें नाम जोड़ने या हटाने की मांग की गई है। लेकिन, राजनीतिक दलों की ओर से केवल 10 आपत्तियाँ ही दर्ज कराई गई हैं।

इनमें से अब तक 14,374 आवेदन निर्वाचक पंजीकरण अधिकारियों (EROs) द्वारा निपटाए जा चुके हैं। दावा और आपत्ति दर्ज करने की प्रक्रिया 1 अगस्त से शुरू हुई थी और यह 1 सितंबर तक जारी रहेगी।

आयोग ने बताया कि सीपीआई (एमएल) लिबरेशन ही एकमात्र राजनीतिक दल है, जिसने ड्राफ्ट मतदाता सूची पर आपत्तियाँ दर्ज की हैं। पार्टी ने कुल 10 शिकायतें दी हैं। आयोग ने कहा कि लगातार अपीलों के बावजूद अन्य राजनीतिक दल इस पुनरीक्षण प्रक्रिया में सक्रिय रूप से शामिल नहीं हुए।

1 अगस्त से अब तक 3,79,692 नए मतदाता, जो एसआईआर शुरू होने के बाद 18 वर्ष के हुए हैं, नाम जुड़वाने के लिए आवेदन कर चुके हैं। आयोग ने कहा कि व्यक्तियों, राजनीतिक दलों और उनके 1.6 लाख बूथ-स्तरीय एजेंटों (BLA) को त्रुटियाँ बताने के लिए पूरा एक महीना दिया गया है।

आंकड़ों के अनुसार, राजद ने 47,506 बीएलए, कांग्रेस ने 17,549 बीएलए, और वाम दलों ने 2,000 से अधिक बीएलए नियुक्त किए हैं। यानी कुल मिलाकर 67,000 से अधिक प्रतिनिधियों को लगाया गया है।

नियमों के मुताबिक, किसी भी दावा या आपत्ति का निपटारा केवल सात दिन की नोटिस अवधि और पात्रता की जांच के बाद ही किया जा सकता है। ड्राफ्ट मतदाता सूची से किसी भी नाम को बिना औपचारिक "स्पीकिंग ऑर्डर" और उचित सुनवाई के बिना नहीं हटाया जा सकता।

आयोग ने बताया कि जिन नामों को ड्राफ्ट सूची से बाहर किया गया है, उनकी सूची और कारण जिला निर्वाचन अधिकारियों (DEOs), जिलाधिकारियों (DMs) और मुख्य निर्वाचन अधिकारी (CEO) की वेबसाइटों पर EPIC नंबर के आधार पर खोजे जा सकने वाले प्रारूप में उपलब्ध करा दी गई है। प्रभावित व्यक्ति आधार सहित सहायक दस्तावेजों के साथ दावा दायर कर सकते हैं।

चुनाव आयोग ने दोहराया कि त्रुटिरहित मतदाता सूची ही मज़बूत लोकतंत्र की नींव है और प्रत्येक मतदान केंद्र की सूची कानून के अनुसार ही तैयार की जाती है।

बिहार में एसआईआर की प्रक्रिया 24 जून से बूथ-स्तरीय अधिकारियों (BLOs) और दलों के बीएलए की फील्ड रिपोर्ट के आधार पर शुरू हुई थी। ड्राफ्ट सूची 1 अगस्त को प्रकाशित की गई थी और राज्य के सभी 12 मान्यता प्राप्त दलों के साथ साझा की गई थी।

आयोग ने पात्र मतदाताओं से अपील की है कि यदि वे सूची से बाहर रह गए हैं तो 1 सितंबर तक आधार सहित फॉर्म 6 में आवेदन करें। इसी तरह, अपात्र प्रविष्टियों के खिलाफ फॉर्म 7 में आपत्तियाँ दर्ज कराई जा सकती हैं। यहां तक कि किसी निर्वाचन क्षेत्र के गैर-मतदाता भी उचित घोषणा या शपथ के आधार पर आपत्ति दाखिल कर सकते हैं।

 

With inputs from IANS