
श्रीनगर| मंगलवार को हुई मूसलाधार बारिश से कश्मीर घाटी में मोबाइल फोन और इंटरनेट सेवाएं बाधित हो गईं, जबकि जम्मू संभाग की सभी प्रमुख नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं, जिससे कई इलाके जलमग्न हो गए हैं।
अचानक बंद हुई मोबाइल और इंटरनेट सेवाओं ने घाटी में सामान्य जीवन अस्त-व्यस्त कर दिया, वहीं भारी बारिश ने जम्मू संभाग में पूरी तरह हालात बिगाड़ दिए।
जम्मू-पठानकोट राजमार्ग पर एक पुल ढह जाने से राजमार्ग को बंद करना पड़ा, जबकि जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग भी भूस्खलन और पत्थर गिरने से बाधित हो गया।
इस बीच, जोज़िला दर्रे पर हुई ताजा बर्फबारी से श्रीनगर-लेह राजमार्ग बंद हो गया है। साथ ही, कश्मीर घाटी को किश्तवाड़ से जोड़ने वाला सिंथन दर्रा और गुरेज़ को जाने वाला रज़दान दर्रा भी बंद कर दिया गया है।
डोडा जिले में खराब मौसम के कारण चार लोगों की मौत हो गई। इनमें से दो लोग घर गिरने से मारे गए, जबकि दो अन्य अचानक आई बाढ़ में बह गए।
जम्मू शहर और उधमपुर में तवी नदी निकासी स्तर से कहीं ऊपर बह रही है। एहतियातन जम्मू शहर में तवी पुल को बंद कर दिया गया है।
इसी तरह सांबा की बसंतर नदी, कठुआ की उज नदी, डोडा, रामबन और अखनूर से बहने वाली चेनाब नदी तथा रेसी, किश्तवाड़ और डोडा जिलों की नदियां भी खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं।
जम्मू जिले के जानीपुर, रूप नगर, भगवती नगर, गुजर नगर, मार्ह, आर.एस. पुरा और अखनूर के कई गांव पूरी तरह जलमग्न हो गए हैं।
मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने सभी विभागों को उच्च सतर्कता बरतने और जरूरत पड़ने पर लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने की तैयारी रखने का निर्देश दिया है।
मौसम विभाग ने कहा है कि हालांकि मंगलवार दोपहर के बाद से बारिश की तीव्रता कुछ कम हुई है, लेकिन अगले 24 घंटे बेहद अहम होंगे।
मौसम विभाग के निदेशक मुख्तार अहमद ने आईएएनएस को बताया कि बुधवार दोपहर से मौसम में सुधार की संभावना है।
With inputs from IANS