कांग्रेस ने GST दर कटौती का लाभ सीधे उपभोक्ताओं तक पहुंचाने के लिए तंत्र की मांग कीBy Admin Sat, 30 August 2025 08:37 AM

नई दिल्ली– कांग्रेस के जनरल सेक्रेटरी (संचार प्रभारी) जयराम रमेश ने शनिवार को GST दरों में कटौती का लाभ उपभोक्ताओं तक सुनिश्चित करने के लिए एक प्रभावी तंत्र की मांग की।

उन्होंने कहा कि आठ विपक्षी शासित राज्यों — कर्नाटक, हिमाचल प्रदेश, झारखंड, केरल, पंजाब, तमिलनाडु, तेलंगाना और पश्चिम बंगाल — ने GST दर स्लैब में प्रस्तावित कटौती और व्यापक उपभोग की वस्तुओं पर कम दरों का समर्थन किया है।

राज्यों पर वित्तीय प्रभाव को लेकर रमेश ने कहा कि सभी राज्यों को पांच वर्षों की अवधि के लिए मुआवजा दिया जाना चाहिए, जिसमें 2024-25 को आधार वर्ष माना जाए, क्योंकि कम GST संग्रह के कारण राज्यों की आय पर अवश्य ही असर पड़ेगा।

उन्होंने यह भी तर्क दिया कि प्रस्तावित 40 प्रतिशत सीमा से परे ‘पाप’ और विलासिता वस्तुओं पर अतिरिक्त कर राजस्व पूरी तरह से राज्यों को दिया जाना चाहिए। वर्तमान में, उन्होंने बताया कि केंद्र विभिन्न उपकरों और अधिभार से अपने कुल राजस्व का लगभग 17-18 प्रतिशत प्राप्त करता है, जिनमें से कोई भी राज्य सरकारों के साथ साझा नहीं किया जाता।

रमेश ने कहा, “ये मांगें पूरी तरह से जायज़ हैं और इन्हें हाल ही में केंद्रीय वित्त मंत्रालय के अपने थिंक टैंक, नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ पब्लिक फाइनेंस एंड पॉलिसी (NIPFP) द्वारा प्रकाशित पेपर्स भी समर्थन देते हैं।”

वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने पार्टी की पुरानी मांग को दोहराया कि ‘GST 2.0’ लाया जाना चाहिए — एक ऐसा सुधार जो न केवल दर स्लैब को सुव्यवस्थित करे और दरों में कटौती करे, बल्कि अनुपालन प्रक्रियाओं को भी सरल बनाए, विशेषकर माइक्रो, स्मॉल और मीडियम एंटरप्राइजेज (MSMEs) के लिए, जिन्हें वर्तमान प्रणाली के तहत बोझिल बताया गया है।

रमेश ने ज़ोर देकर कहा कि कांग्रेस लगातार राज्यों की वित्तीय स्वायत्तता और हितों की सुरक्षा पर जोर देती रही है।

उन्होंने कहा, “आगामी सप्ताह में होने वाली GST काउंसिल की बैठक मोदी सरकार की तरह केवल सुर्खियों में आने वाला आयोजन न बन जाए, बल्कि इसे वास्तविक सहयोगात्मक संघवाद को मजबूत करने का अवसर होना चाहिए, न केवल पत्र में बल्कि भावना में भी।”

 

With inputs from IANS