
श्रीनगर- हिमाचल प्रदेश के कुल्लू ज़िले में आए भीषण भूस्खलन में कम से कम सात कश्मीरियों के मारे जाने की आशंका जताई गई है। अधिकारियों ने गुरुवार को इसकी पुष्टि की।
अधिकारियों के अनुसार, सभी मृतक आशंकित कश्मीरी घाटी के बांदीपोरा ज़िले के तुलैल क्षेत्र के निवासी थे और मज़दूरी का काम करने हिमाचल गए थे।
कुल्लू ज़िले में राहत और बचाव कार्य जारी है।
जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने इस दुखद हादसे पर गहरा शोक व्यक्त किया है। मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से बताया गया कि कुल्लू प्रशासन के संपर्क में रहते हुए हरसंभव मदद पहुँचाई जा रही है।
इस बीच, राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) ने जानकारी दी कि कुल्लू में भूस्खलन के चलते दो मकान ढह गए, जिनमें लगभग 12-13 लोग दब गए।
एनडीआरएफ टीम ने ढहे ढांचे में खोज और बचाव अभियान (CSSR) चलाया, जिसमें तीन घायलों को बाहर निकाला गया और एक शव बरामद किया गया। शेष फंसे हुए लोगों की तलाश जारी है।
हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर हाल के दिनों से लगातार प्राकृतिक आपदाओं की चपेट में हैं।
जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ ज़िले के चाशोटी गाँव में 14 अगस्त को बादल फटने से 67 लोगों की मौत हो गई थी और 100 से अधिक घायल हुए थे। इनमें ज़्यादातर लोग मचैल माता यात्रा के श्रद्धालु थे।
इसके अलावा, 26 अगस्त को रियासी ज़िले की त्रिकुटा पहाड़ियों में भूस्खलन से माता वैष्णो देवी मंदिर के कम से कम 35 श्रद्धालुओं की मौत हो गई थी। उस समय यात्रा अस्थायी रूप से रोकी गई थी और अधिकतर श्रद्धालु कटरा लौट चुके थे, लेकिन कुछ ने मार्ग में ही शरण ले रखी थी। दुर्भाग्य से वही स्थल भूस्खलन की चपेट में आ गया।
जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने इस घटना की जांच के लिए अतिरिक्त मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक समिति गठित करने के आदेश दिए हैं।
With inputs from IANS