
नई दिल्ली- भारत सरकार ने गुरुवार को अपने नागरिकों को चेतावनी जारी करते हुए रूसी सेना में शामिल न होने की सख्त सलाह दी है। यह कदम उन रिपोर्टों के बाद आया है जिनमें दावा किया गया कि मॉस्को पहुंचे कुछ भारतीयों को यूक्रेन युद्ध में लड़ाई की भूमिकाओं में धकेला जा रहा है।
विदेश मंत्रालय (MEA) ने बयान में कहा, “हमें ऐसी रिपोर्टें मिली हैं कि हाल ही में भारतीय नागरिकों को रूसी सेना में भर्ती किया गया है। बीते एक साल में सरकार कई बार इस तरह के कदम से जुड़े खतरों और जोखिमों को उजागर कर चुकी है और भारतीय नागरिकों को चेताया है।”
मंत्रालय ने पुष्टि की कि इस मुद्दे को रूस के अधिकारियों के साथ दिल्ली और मॉस्को दोनों जगह उठाया गया है और यह भी स्पष्ट किया गया है कि “इस प्रथा को समाप्त किया जाए और हमारे नागरिकों को रिहा किया जाए।”
मंत्रालय ने कहा, “हम प्रभावित भारतीय नागरिकों के परिवारों के भी लगातार संपर्क में हैं।”
यह सलाह एक प्रमुख अखबार की रिपोर्ट के बाद जारी की गई, जिसमें पूर्वी यूक्रेन के दोनेत्स्क क्षेत्र में मौजूद दो भारतीयों ने दावा किया कि उन्हें निर्माण कार्य के नाम पर रूस बुलाया गया था लेकिन सीधे युद्धभूमि में भेज दिया गया।
सेलिडोवे कस्बे से फोन पर बातचीत में उन्होंने बताया कि कम से कम 13 और भारतीय भी इसी तरह की परिस्थितियों में फंसे हुए हैं। रिपोर्ट के अनुसार, दोनों पिछले छह महीनों में छात्र या विज़िटर वीज़ा पर रूस गए थे और एक एजेंट ने उन्हें निर्माण क्षेत्र में नौकरी का झांसा देकर सीधे मोर्चे पर भेज दिया।
विदेश मंत्रालय ने दोहराते हुए कहा, “हम एक बार फिर सभी भारतीय नागरिकों से सख्त आग्रह करते हैं कि रूसी सेना में शामिल होने के किसी भी ऑफर से दूर रहें क्योंकि यह बेहद खतरनाक है।”
With inputs from IANS