
शिमला- हिमाचल प्रदेश के मंडी ज़िले में सोमवार देर रात बादल फटने से धर्मपुर कस्बे का बस अड्डा और बाज़ार जलमग्न हो गया। राज्य परिवहन निगम (एचआरटीसी) की कई खड़ी बसें और कारें बह गईं, जबकि घर और दुकानें मलबे में दब गईं।
अधिकारियों के अनुसार, धर्मपुर (शिमला से लगभग 250 किमी दूर) में बादल फटने से आई अचानक बाढ़ ने तबाही मचाई। एक व्यक्ति लापता बताया जा रहा है।
स्थानीय लोगों ने बताया कि इस बार swollen सौन नदी (ब्यास की सहायक धारा) में आई बाढ़ और तबाही 2015 से कहीं अधिक भयानक थी। मंडी ज़िले के अधिकांश हिस्सों में रात 11 बजे से मूसलाधार बारिश शुरू हुई और रात करीब 1 बजे तक इतनी तेज़ हो गई कि लोग डर के कारण घरों से बाहर निकल आए।
बस अड्डे पर खड़ी एचआरटीसी की बसें पानी में डूब गईं और कुछ तेज़ धारा में बह गईं। नदी किनारे बसे घर जलमग्न हो गए और कई वाहन भी पानी के तेज़ बहाव में बह गए।
बस अड्डे पर मौजूद लोग पानी भरने पर ऊपर की मंज़िलों पर भागे। दुकानों में पानी घुस गया। कई निवासी छतों पर चढ़कर रातभर वहीं डटे रहे। लगभग 150 बच्चों को सुरक्षित हॉस्टल की ऊपरी मंज़िलों पर पहुंचाया गया।
पुलिस ने बताया कि अब तक किसी जनहानि की सूचना नहीं है, लेकिन एक व्यक्ति लापता है और कई गाड़ियां, जिनमें दोपहिया और चारपहिया वाहन शामिल हैं, बह गईं। घरों और दुकानों में मलबा घुस गया है।
फिलहाल सौन नदी का जलस्तर सामान्य हो गया है और स्थानीय लोग राहत व बचाव कार्यों में लगे हुए हैं। हालांकि तेज़ धारा ने रेस्क्यू ऑपरेशन्स को बाधित किया।
प्रशासन ने राहत व बचाव कार्यों को तेज़ करने के लिए पूरी मशीनरी झोंक दी है।
धर्मपुर के अलावा ज़िले के सरकाघाट उपमंडल में भी भारी बारिश हुई।
पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा नेता जयराम ठाकुर ने कहा कि भारी बारिश से भारी तबाही हुई है। उन्होंने कहा, “मंडी ज़िले के धर्मपुर और सरकाघाट क्षेत्रों से बड़े नुकसान की खबरें आ रही हैं और कुछ लोगों के लापता होने की भी सूचना है।”
उन्होंने लोगों से अपील की, “इस मौसम में सतर्क रहें, अपनी और परिवार की सुरक्षा को प्राथमिकता दें और प्रशासन द्वारा जारी दिशानिर्देशों का पालन करें।”
राजधानी शिमला और आसपास के क्षेत्रों में भी भारी बारिश के कारण कई जगह भूस्खलन हुआ और सामान्य जीवन प्रभावित हुआ।
With inputs from IANS