हिमाचल के किन्नौर में बादल फटने से भारी तबाही, वाहन बहेBy Admin Fri, 19 September 2025 05:12 AM

नई दिल्ली- हिमाचल प्रदेश के किन्नौर ज़िले में भीषण बादल फटने से थाच गांव में भारी तबाही मच गई।

शुक्रवार तड़के करीब 12:10 बजे हुई इस घटना में तीन नज़दीकी पहाड़ी नालों में अचानक पानी का बहाव तेज़ हो गया। तेज़ धार ने दो वाहनों को बहा दिया और खेतों, बागानों तथा घरों को गंभीर नुकसान पहुँचाया।

स्थानीय लोगों के अनुसार, मूसलाधार पानी गांव में घुसते ही लोग दहशत में अपने घर छोड़कर पास के जंगलों की ओर भागे।
प्रवीण मोयन और हरी बिष्ट के वाहन बाढ़ में बह गए। वहीं मस्तान गांव में कई मकानों के हिस्से और एक गौशाला बह गई।

कई बागान पूरी तरह नष्ट हो गए और ग्रामीण रणवीर तथा तीन अन्य लोगों के घर ढहने की कगार पर हैं।

राजधानी शिमला में एडवर्ड स्कूल के पास भूस्खलन से ट्रैफिक ठप हो गया और सर्कुलर रोड को बंद करना पड़ा। इसी बीच कुमारसैन के करेवाठी क्षेत्र में एक तीन मंज़िला मकान गिर गया, जिससे राज्यभर में बारिश के कहर का अंदाज़ा लगाया जा सकता है।

अब तक हिमाचल प्रदेश में मॉनसून से जुड़ी आपदाओं में 424 लोगों की जान जा चुकी है और हर दिन नुकसान बढ़ता जा रहा है।

17 सितम्बर को ही अचानक आई बाढ़ और भूस्खलन से चार लोगों की मौत हो गई थी और छह लापता हो गए थे। वर्तमान में 650 से अधिक सड़कें, जिनमें तीन राष्ट्रीय राजमार्ग भी शामिल हैं, बंद हैं, जिससे बिजली और पेयजल जैसी ज़रूरी सेवाओं पर असर पड़ा है।

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने हिमाचल प्रदेश को आपदा प्रभावित राज्य घोषित कर दिया है। उन्होंने बताया कि पिछले तीन वर्षों में कुल नुकसान 20,000 करोड़ रुपये से अधिक का हुआ है। राज्य सरकार ने केंद्र से तुरंत वित्तीय मदद और व्यापक राहत पैकेज की मांग की है।

इससे दो दिन पहले, 16 सितम्बर को मंडी ज़िले के धरमपुर में बादल फटने से भारी तबाही हुई थी। इसमें कई एचआरटीसी बसें, निजी वाहन बह गए और घर व दुकानें जलमग्न हो गईं। स्थानीय लोगों ने इसे 2015 की बाढ़ से भी भयावह बताया, जब सौन नदी उफान पर आकर बड़े इलाके को डूबो गई थी।

लगातार बारिशों ने पहाड़ी राज्य को झकझोर कर रख दिया है, जिससे प्रशासन और जनता दोनों ही जूझने की कगार पर पहुँच गए हैं।

 

With inputs from IANS