
नई दिल्ली- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार (22 सितम्बर) को अरुणाचल प्रदेश और त्रिपुरा का दौरा करेंगे, जहां वे कई अहम बुनियादी ढांचा परियोजनाओं की नींव रखेंगे और त्रिपुरा में पुनर्विकसित माता त्रिपुरा सुंदरी मंदिर का उद्घाटन करेंगे।
सबसे पहले प्रधानमंत्री अरुणाचल प्रदेश के ईटानगर पहुंचेंगे, जहां वे 5,100 करोड़ रुपये से अधिक की विकास परियोजनाओं का शिलान्यास करेंगे और एक जनसभा को भी संबोधित करेंगे।
क्षेत्र की विशाल जलविद्युत क्षमता का दोहन और सतत ऊर्जा उत्पादन को प्रोत्साहित करने के लिए प्रधानमंत्री ईटानगर में 3,700 करोड़ रुपये से अधिक की दो प्रमुख जलविद्युत परियोजनाओं की आधारशिला रखेंगे।
सरकारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, हीओ हाइड्रो इलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट (240 मेगावाट) और टाटो-I हाइड्रो इलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट (186 मेगावाट) अरुणाचल प्रदेश के सियोम बेसिन में विकसित किए जाएंगे।
इसके अलावा, प्रधानमंत्री तवांग में अत्याधुनिक कन्वेंशन सेंटर का भी शिलान्यास करेंगे। 9,820 फीट की ऊंचाई पर स्थित यह सेंटर राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन, सांस्कृतिक उत्सव और प्रदर्शनियों की मेजबानी करने वाला एक महत्वपूर्ण स्थल बनेगा।
1,500 से अधिक प्रतिनिधियों की क्षमता वाला यह कन्वेंशन सेंटर वैश्विक मानकों के अनुरूप होगा और क्षेत्र के पर्यटन व सांस्कृतिक संभावनाओं को मजबूती देगा।
प्रधानमंत्री 1,290 करोड़ रुपये से अधिक की कई अन्य बुनियादी ढांचा परियोजनाओं की भी शुरुआत करेंगे, जिनमें संपर्क, स्वास्थ्य, अग्नि सुरक्षा, कार्यरत महिलाओं के लिए हॉस्टल जैसी योजनाएं शामिल हैं। प्रेस नोट के अनुसार, ये पहलें आर्थिक गतिविधियों को गति देंगी, जीवन की गुणवत्ता सुधारेंगी और क्षेत्रीय संपर्क को और मजबूत करेंगी।
इसके साथ ही प्रधानमंत्री स्थानीय करदाताओं, व्यापारियों और उद्योग प्रतिनिधियों से मिलकर हाल ही में हुए जीएसटी दर सुधार के प्रभाव पर चर्चा करेंगे। यह उनके 'ईज ऑफ डूइंग बिजनेस' और सशक्त उद्यमिता तंत्र की दृष्टि के अनुरूप है।
अरुणाचल प्रदेश दौरे के बाद प्रधानमंत्री त्रिपुरा पहुंचेंगे, जहां वे गोमती जिले के उदयपुर कस्बे के माताबाड़ी स्थित 'माता त्रिपुरा सुंदरी मंदिर परिसर' के विकास कार्यों का उद्घाटन करेंगे। यह परियोजना प्रसाद (Pilgrimage Rejuvenation And Spiritual Heritage Augmentation Drive) योजना के अंतर्गत पूरी की गई है।
51 प्राचीन शक्तिपीठों में से एक यह मंदिर देश की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक धरोहर को बढ़ावा देने व संरक्षित करने के प्रधानमंत्री के संकल्प का हिस्सा है।
कछुए के आकार में विकसित इस परियोजना में मंदिर प्रांगण का पुनर्विकास, नए मार्ग, नवीनीकृत प्रवेश द्वार और बाड़, जल निकासी प्रणाली, तीन मंजिला परिसर जिसमें स्टॉल, ध्यान कक्ष, अतिथि आवास, कार्यालय कक्ष आदि शामिल हैं। यह पहल पर्यटन को बढ़ावा देने, रोजगार और व्यावसायिक अवसर पैदा करने और क्षेत्र के सामाजिक-आर्थिक विकास को गति देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
With inputs from IANS