एमपी कफ सिरप त्रासदी: छिंदवाड़ा में मौतों का आंकड़ा 13 पहुंचा, नागपुर में एक और मासूम की जान गईBy Admin Tue, 07 October 2025 06:54 AM

छिंदवाड़ा/नागपुर — मध्य प्रदेश में जहरीले कफ सिरप से फैल रही त्रासदी में एक और मासूम की मौत हो गई। छिंदवाड़ा जिले के जुनापानी गांव की डेढ़ वर्षीय धनी देहरिया ने सोमवार देर रात नागपुर के सरकारी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल (जीएमसीएच) में दम तोड़ दिया। इसके साथ ही मौतों का आंकड़ा 13 तक पहुंच गया है।

छिंदवाड़ा के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) नरेश गोनाडे ने बताया कि धनी की मौत कोल्ड्रिफ कफ सिरप से हुई किडनी फेलियर के कारण हुई है।

जानकारी के अनुसार, धनी को सर्दी-खांसी होने पर डॉ. प्रवीन सोनी ने अपने निजी क्लिनिक पारासिया में यह सिरप दिया था। सिरप पीने के कुछ दिनों बाद ही बच्ची की तबीयत बिगड़ गई। 26 सितंबर को उसे गंभीर निर्जलीकरण और पेशाब न आने (ओलिगुरिया) की शिकायत पर स्थानीय स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया, जहां से हालत गंभीर होने पर नागपुर रेफर किया गया।

नागपुर जीएमसीएच में धनी को डायलिसिस और वेंटिलेटर पर रखा गया था, लेकिन 11 दिन बाद उसकी मौत मल्टी-ऑर्गन फेल्योर से हो गई।

टॉक्सिकोलॉजी रिपोर्ट में पुष्टि हुई कि सिरप में डायथिलीन ग्लाइकोल (DEG) की मात्रा 48.6% पाई गई — जो एक घातक औद्योगिक सॉल्वेंट है और ब्रेक फ्लूड व एंटीफ्रीज में इस्तेमाल होता है।

डॉ. सोनी, जो पारासिया के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) में शासकीय बाल रोग विशेषज्ञ हैं, को 5 अक्टूबर को गिरफ्तार किया गया। उन्हें भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 105 और 276 के तहत गैर इरादतन हत्या और दवा मिलावट के आरोप में जेल भेजा गया है।

एफआईआर में तमिलनाडु के कांचीपुरम स्थित स्रेसन फार्मास्युटिकल्स कंपनी का भी नाम शामिल है, जिसने यह जहरीला सिरप बनाया था। कंपनी को अब पूरे देश में ब्लैकलिस्ट कर दिया गया है।

भोपाल की ड्रग टेस्टिंग लैब की रिपोर्ट में भी सिरप में जहरीले तत्व की पुष्टि हुई है। इसके बाद राज्य सरकार ने स्रेसन कंपनी के सभी उत्पादों पर प्रतिबंध लगाते हुए माल जब्त कर लिया है।

सोमवार को तीन और कफ सिरप में भी इसी तरह का जहर मिलने के बाद जांच का दायरा और बढ़ा दिया गया है।

यह हादसा 1986 के मुंबई अस्पताल त्रासदी की याद दिलाता है, जब जहरीले सिरप से 14 बच्चों की मौत हुई थी।

अगस्त के आखिर से अब तक परासिया और तमिया ब्लॉक के 16 बच्चों की मौत इसी तरह हुई है, जिनमें से 10 का इलाज नागपुर में हुआ था। अभी छह बच्चे गंभीर हालत में हैं, जिनमें से तीन वेंटिलेटर पर हैं। बायोप्सी में किडनी ट्यूब्यूलर इंजरी की पुष्टि हुई है।

मुख्यमंत्री मोहन यादव ने मृतकों के परिवारों को 4 लाख रुपये मुआवजा और घायलों के नि:शुल्क इलाज की घोषणा की है। उन्होंने मामले की जांच के लिए विशेष जांच दल (SIT) गठित करने का आदेश दिया है।

सीएम यादव ने कहा, “यह अक्षम्य लापरवाही है, किसी बच्चे की जान घटिया दवाओं से नहीं जानी चाहिए।”

राज्य सरकार ने दो ड्रग इंस्पेक्टर, एक उप निदेशक को निलंबित कर दिया है और राज्य औषधि नियंत्रक का तबादला कर दिया है।

इस बीच, महाराष्ट्र और पंजाब ने भी कोल्ड्रिफ सिरप पर प्रतिबंध लगा दिया है, जबकि केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) ने छह राज्यों में छापेमारी शुरू कर दी है।

तेलंगाना ड्रग्स कंट्रोल विभाग ने भी सतर्कता अलर्ट जारी किया है, क्योंकि राजस्थान में तीन बच्चों की मौतें इसी जहरीले सिरप से जुड़ी पाई गई हैं।

 

With inputs from IANS