चक्रवात ‘मोंथा’: दक्षिण ओडिशा के जिलों में आईएमडी ने जारी किया रेड अलर्टBy Admin Tue, 28 October 2025 01:39 PM

भुवनेश्वर- भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने सोमवार को चक्रवात ‘मोंथा’ के गंभीर चक्रवाती तूफान में बदलने के बाद दक्षिण ओडिशा के कई जिलों के लिए रेड और ऑरेंज अलर्ट जारी किया है।

भुवनेश्वर आईएमडी की निदेशक डॉ. मनोरमा मोहंती ने मीडिया को बताया कि चक्रवात फिलहाल गोपालपुर से लगभग 510 किलोमीटर दक्षिण-दक्षिण-पश्चिम दिशा में स्थित है। उन्होंने कहा, “यह चक्रवात बहुत संभव है कि उत्तर-उत्तरपश्चिम दिशा में बढ़े और आंध्र प्रदेश के तट पर मचिलिपटनम और कलींगपट्टनम के बीच, काकीनाडा के आसपास, 28 अक्टूबर की शाम या रात में गंभीर चक्रवाती तूफान के रूप में भूमि से टकराए (landfall करे)।”

भूमि से टकराने के समय हवा की रफ्तार 90 से 110 किलोमीटर प्रति घंटा तक रहने की संभावना है, उन्होंने कहा।

प्रणाली के प्रभाव को देखते हुए, आईएमडी ने कोरापुट, मलकानगिरी, गजपति और कालाहांडी जिलों के लिए भारी से अति भारी वर्षा को लेकर रेड अलर्ट जारी किया है। वहीं कंधमाल, नबरंगपुर, रायगड़ा, गंजाम और पुरी जिलों में ऑरेंज और येलो अलर्ट जारी किया गया है, जहां भारी से बहुत भारी वर्षा की संभावना है।

तेज हवाओं को लेकर गंजाम, गजपति, रायगड़ा, कंधमाल, कालाहांडी, मलकानगिरी और कोरापुट जिलों में रेड चेतावनी दी गई है, जहां 60–80 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से झोंके चल सकते हैं।

आईएमडी ने यह भी बताया कि 29 अक्टूबर को मलकानगिरी, कोरापुट, नबरंगपुर, कालाहांडी और रायगड़ा जिलों में भारी से अति भारी वर्षा होने की आशंका है। वहीं कंधमाल, बोलांगीर, नुआपाड़ा और गजपति जिलों में मध्यम से भारी वर्षा हो सकती है।

30 अक्टूबर तक वर्षा गतिविधि में कमी आने की संभावना है, जब केवल सुंदरगढ़, झारसुगुड़ा, संबलपुर और देवगढ़ जिलों में अलग-अलग स्थानों पर भारी बारिश हो सकती है।

डॉ. मोहंती ने बताया कि 30 अक्टूबर तक मछुआरों को समुद्र में न जाने की सलाह दी गई है, क्योंकि ओडिशा तट पर तेज हवाओं के झोंके जारी रहेंगे। सभी बंदरगाहों को स्थानीय चेतावनी संकेत संख्या 2 (Local Cautionary Signal No. 2) फहराने को कहा गया है, जबकि गोपालपुर बंदरगाह को दूरस्थ चेतावनी संकेत संख्या 3 (Distant Warning Signal No. 3) बनाए रखने को कहा गया है।

आईएमडी ने चेतावनी दी कि यह चक्रवात निचले और जलमग्न क्षेत्रों में धान और सब्जी की फसलों को नुकसान पहुंचा सकता है। किसानों को जहां संभव हो, खेतों से अतिरिक्त पानी निकालने की सलाह दी गई है।

लोगों से अपील की गई है कि वे मौसम बुलेटिन पर नज़र रखें और प्रशासन द्वारा जारी सुरक्षा परामर्शों का पालन करें।

 

With inputs from IANS