
हैदराबाद — गंभीर चक्रवाती तूफान ‘मोंथा’ (Montha) के अवशेषों ने मंगलवार रात आंध्र प्रदेश तट को पार करने के बाद बुधवार को तेलंगाना के कई जिलों में भारी वर्षा और बाढ़ जैसे हालात पैदा कर दिए। इससे जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया और सड़क तथा रेल यातायात बाधित हो गया।
बुधवार सुबह से कई जिलों में अत्यधिक भारी वर्षा होने के कारण निचले इलाकों में पानी भर गया, सड़कें और रेलवे ट्रैक जलमग्न हो गए तथा फसलों को व्यापक नुकसान पहुंचा।
तेजी से बह रही नदियां, नाले और झीलें उफान पर हैं, जिससे कई जगहों पर सड़क संपर्क पूरी तरह टूट गया। वारंगल और डोर्नाकल रेलवे स्टेशनों पर पानी भरने के कारण कई ट्रेनों को रद्द या मार्ग परिवर्तित करना पड़ा।
वारंगल, हनमकोंडा, मुलुगु, महबूबाबाद, जयशंकर भूपालपल्ली, नलगोंडा, सिद्धिपेट, यादाद्री भुवनगिरी, सिरसिल्ला और नगरकुरनूल जिलों में भारी से अत्यधिक भारी वर्षा दर्ज की गई।
हनमकोंडा जिले के भीमदेवरपल्ले में सुबह 8:30 बजे से रात 10 बजे तक 41.9 सेमी वर्षा दर्ज की गई, जो सबसे अधिक रही। तेलंगाना डेवेलपमेंट प्लानिंग सोसाइटी के अनुसार, 35 स्थानों पर 20.50 सेमी से अधिक और 68 स्थानों पर 11.50 सेमी से अधिक वर्षा दर्ज की गई।
वारंगल जिले के कल्लाडा में 36.7 सेमी, उरुस में 34.3 सेमी, रेडलवाड़ा में 33.9 सेमी और हनमकोंडा के धर्मसागर में 33.28 सेमी वर्षा हुई।
भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने जंगांव, वारंगल, हनमकोंडा, महबूबाबाद, सिद्धिपेट, यादाद्री भुवनगिरी, करीमनगर और सिरसिल्ला जिलों के लिए रेड अलर्ट जारी किया है, जबकि आदिलाबाद, निर्मल, आसिफाबाद, मंचेरियल, जगत्याल, पेद्दापल्ली और भूपालपल्ली जिलों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है।
आईएमडी के अनुसार, आंध्र प्रदेश तट पार करने के बाद चक्रवात मोंथा कमजोर होकर एक डीप डिप्रेशन में बदल गया, जो अब उत्तर आंध्र, दक्षिण ओडिशा, दक्षिण छत्तीसगढ़ और उत्तर-पूर्व तेलंगाना के ऊपर सक्रिय है। बाद में यह दक्षिण छत्तीसगढ़ और आसपास के क्षेत्रों में और कमजोर हो गया।
वारंगल जिले में सभी शैक्षणिक संस्थानों में अवकाश घोषित कर दिया गया है। रेलवे ट्रैकों पर बाढ़ आने से विजयवाड़ा इंटरसिटी एक्सप्रेस और ईस्ट कोस्ट एक्सप्रेस को वारंगल स्टेशन पर रोकना पड़ा।
महबूबाबाद जिले के डोर्नाकल स्टेशन पर भी पानी भरने से ट्रेन सेवाएं प्रभावित हुईं। साउथ सेंट्रल रेलवे ने कई ट्रेनों को रद्द या डायवर्ट कर दिया।
हनमकोंडा में बस स्टेशन झील जैसा बन गया, जबकि सड़कों पर नालों का पानी भर गया।
खम्मम जिले में एक डीसीएम वाहन और उसका चालक बाढ़ के पानी में बह गया। यह हादसा कोनिजारला मंडल के जनाराम पुल के पास निम्मवागु नाले में हुआ।
विकाराबाद जिले में कगना नदी में बहे एक व्यक्ति को स्थानीय लोगों ने बचा लिया। यह घटना तंडूर मंडल के वीरिशेट्टीपल्ली के पास हुई।
नलगोंडा जिले में पुलिस और अन्य विभागों ने सरकारी आवासीय विद्यालय के 500 छात्रों को बाढ़ के पानी से सुरक्षित निकाला। देवरकोंडा मंडल के कोम्मापल्ली गांव में स्थित जनजातीय कल्याण विभाग के बालकों के आवासीय विद्यालय की इमारत पास की धारा के उफान से जलमग्न हो गई थी।
मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी ने राज्य प्रशासन को उच्च सतर्कता पर रहने का निर्देश दिया है। उन्होंने अधिकारियों को आदेश दिया कि निचले इलाकों से परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जाए और राहत शिविरों की व्यवस्था की जाए।
मुख्यमंत्री ने सिंचाई विभाग को सभी परियोजनाओं, जलाशयों और जल निकायों में जल स्तर की कड़ी निगरानी रखने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि जलाशयों से पानी छोड़ने से पहले जिला कलेक्टरों को सूचित किया जाए और बालू की बोरियां (सैंडबैग) पहले से तैयार रखी जाएं।
हैदराबाद में भी लगातार भारी बारिश को देखते हुए मुख्यमंत्री ने नगर निगम और आपदा प्रबंधन टीमों को जलभराव वाले इलाकों में राहत और बचाव कार्यों के लिए तैनात करने का आदेश दिया।
एसडीआरएफ और एनडीआरएफ टीमों को निर्देश दिया गया है कि वे जिला कलेक्टरों के मार्गदर्शन में समन्वित तरीके से बचाव अभियान चलाएं।
With inputs from IANS