
पटना — बिहार की राजनीति में रविवार को बड़ा धमाका हुआ जब जनता दल (यूनाइटेड) के प्रत्याशी और मोकामा के पूर्व विधायक आनंद सिंह को दुलारचंद यादव हत्याकांड के सिलसिले में गिरफ्तार कर लिया गया।
पटना के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) कार्तिकेय के. शर्मा ने भारी पुलिस बल के साथ मोकामा पहुंचकर देर रात लगभग 12:30 बजे आनंद सिंह को बरह स्थित उनके आवास से गिरफ्तार किया। उस समय वे reportedly सो रहे थे।
उन्हें रात करीब 2 बजे पटना लाया गया और मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी (सीजेजेएम) की अदालत में पेश किया गया, जिसके बाद न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।
एसएसपी शर्मा ने गिरफ्तारी की पुष्टि करते हुए बताया कि इस मामले में दो अन्य आरोपी, नदमा गांव निवासी मणिकांत ठाकुर और लदमा गांव निवासी रंजीत राम, भी घटना स्थल पर मौजूद थे।
पुलिस का दावा है कि घटना की रात आनंद सिंह की मौजूदगी से जुड़े ठोस सबूत मिलने के बाद यह कार्रवाई की गई। मामले की गहन जांच के लिए एक विशेष सीआईडी टीम का गठन किया गया है।
इस दौरान सुरक्षा के मद्देनज़र मोकामा, बरह, घोसवारी, हथीदह और भदौर से आए पुलिस बल के साथ करीब 150 अर्धसैनिक जवानों को भी तैनात किया गया।
गौरतलब है कि गिरफ्तारी से कुछ घंटे पहले तक आनंद सिंह पूरे दिन मोकामा में सक्रिय थे और कई गांवों में चुनाव प्रचार कर रहे थे।
गिरफ्तारी के तुरंत बाद उनके आधिकारिक सोशल मीडिया अकाउंट से एक पोस्ट वायरल हुई, जिसमें लिखा था:
“सत्यमेव जयते!! मुझे मोकामा की जनता पर पूरा भरोसा है, अब मोकामा की जनता ही चुनाव लड़ेगी।”
जहां आनंद सिंह के समर्थक इसे राजनीतिक साजिश बता रहे हैं, वहीं विपक्षी दलों ने इसे “कानून के तहत की गई कार्रवाई” करार दिया है।
दुलारचंद यादव, जो जन सुराज उम्मीदवार पियूष प्रियदर्शी उर्फ लल्लू मुखिया के समर्थक थे, की गुरुवार को हत्या कर दी गई थी। इस घटना के बाद मोकामा क्षेत्र में भारी तनाव फैल गया।
शुरुआती जानकारी के अनुसार दुलारचंद को गोली लगने से चोटें आई थीं, लेकिन पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि उनकी मौत गाड़ी से कुचले जाने के कारण हुई, जिससे उनके सीने की हड्डियां टूट गईं और फेफड़े फट गए।
यह पोस्टमॉर्टम बरह के अस्पताल में तीन डॉक्टरों की टीम ने मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में लगभग दो घंटे तक किया।
प्रारंभिक जांच में ही आनंद सिंह का नाम सामने आ गया था, जिसके बाद पुलिस ने कार्रवाई तेज की।
यह गिरफ्तारी मतदान से ठीक पहले होने के कारण राजनीतिक रूप से बेहद अहम मानी जा रही है।
आनंद सिंह मोकामा क्षेत्र में गहरी पकड़ रखते हैं, और उनकी अचानक हुई गिरफ्तारी से एनडीए के भीतर और चुनावी समीकरणों में बड़ा बदलाव संभव माना जा रहा है।
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि यह घटना इस चुनावी चक्र का सबसे बड़ा राजनीतिक फ्लैशपॉइंट साबित हो सकती है।
With inputs from IANS