
फरीदाबाद — जम्मू-कश्मीर पुलिस और हरियाणा पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में फरीदाबाद से लगभग 350 किलोग्राम विस्फोटक, संदिग्ध रूप से अमोनियम नाइट्रेट, एक क्रिंकोव असॉल्ट राइफल, और कई अन्य हथियार व गोला-बारूद बरामद किए गए हैं। यह जानकारी फरीदाबाद के पुलिस आयुक्त सतेंद्र कुमार गुप्ता ने सोमवार को दी।
गुप्ता ने बताया कि बरामद किए गए विस्फोटकों के साथ 20 टाइमर और 4 बैटरी टाइमर, एक असॉल्ट राइफल, 83 जिंदा कारतूस, एक पिस्तौल, दो मैगज़ीन, और कई अन्य हथियार भी मिले हैं।
उन्होंने बताया कि यह संयुक्त ऑपरेशन जम्मू-कश्मीर पुलिस के सहयोग से पिछले कुछ दिनों से चल रहा था।
गुप्ता ने कहा, “यह अभियान संयुक्त रूप से चलाया गया है और फिलहाल यह अभी भी जारी है।”
उन्होंने हालांकि जांच की संवेदनशीलता को ध्यान में रखते हुए अधिक जानकारी देने से इनकार किया।
पुलिस आयुक्त ने कहा, “हम एक आतंकी मॉड्यूल पर काम कर रहे हैं, इसलिए राष्ट्रीय सुरक्षा के मद्देनज़र फिलहाल और विवरण साझा नहीं किए जा सकते।”
यह बड़ी कार्रवाई उस घटना के कुछ दिन बाद हुई है, जब उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में रहने वाले कश्मीरी डॉक्टर आदिल अहमद राथर को प्रतिबंधित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के समर्थन में पोस्टर लगाने के आरोप में श्रीनगर में गिरफ्तार किया गया था।
राथर से पूछताछ के दौरान मिली जानकारी के आधार पर पुलिस ने फरीदाबाद में कई छापेमारियां कीं। इसी दौरान एक अन्य डॉक्टर, मुजम्मिल, के पास से भारी मात्रा में विस्फोटक और हथियार बरामद किए गए।
मुजम्मिल, जो जम्मू-कश्मीर के पुलवामा का रहने वाला है, फरीदाबाद स्थित अल-फलाह मेडिकल कॉलेज और हॉस्पिटल में कार्यरत था। उसे भी इस मामले में गिरफ्तार किया गया है।
पुलिस के अनुसार, वह पिछले साढ़े तीन साल से फरीदाबाद के ढोज क्षेत्र में किराए के मकान में रह रहा था।
पुलिस ने बताया कि मुजम्मिल को 10 दिन पहले गिरफ्तार किया गया था, जब उसके जैश-ए-मोहम्मद से संबंधों के पुख्ता सबूत मिले।
उसकी सूचना पर पुलिस ने एक स्विफ्ट कार बरामद की, जो अल-फलाह हॉस्पिटल में कार्यरत एक महिला डॉक्टर की बताई जा रही है।
इसी कार से क्रिंकोव असॉल्ट राइफल बरामद हुई।
पुलिस आयुक्त गुप्ता ने बताया कि विस्फोटक और हथियारों की उत्पत्ति तथा इनके संभावित इस्तेमाल को लेकर जांच जारी है।
उन्होंने कहा, “ये हथियार यहां कैसे पहुंचे और इन्हें कहां इस्तेमाल किया जाना था, इसकी जांच की जा रही है।”
पुलिस अधिकारियों के अनुसार, गिरफ्तार दोनों डॉक्टरों से पूछताछ की जा रही है ताकि यह पता लगाया जा सके कि उनका किसी आतंकी संगठन या उत्तरी भारत में सक्रिय स्लीपर सेल से कोई संबंध तो नहीं है।
इतनी बड़ी मात्रा में विस्फोटक और अत्याधुनिक हथियारों की बरामदगी ने सुरक्षा एजेंसियों की चिंता बढ़ा दी है, खासकर सर्दियों के मौसम से पहले, जब आमतौर पर आतंकी गतिविधियों में वृद्धि देखी जाती है।
इस बरामदगी के बाद सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट मोड में हैं और राज्यों के बीच खुफिया सूचनाओं का आदान-प्रदान बढ़ा दिया गया है ताकि किसी संभावित खतरे को रोका जा सके।
With inputs from IANS