
पटना — बिहार विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण में मंगलवार सुबह मतदान ने तेजी पकड़ी। चुनाव आयोग (ईसीआई) के अनुसार सुबह 9 बजे तक राज्य में औसतन 14.55 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया, जो शुरुआती दो घंटों में एक प्रभावशाली आंकड़ा माना जा रहा है।
ईसीआई के अनुसार, गया जी में सबसे अधिक 15.97 प्रतिशत मतदान हुआ। इसके बाद किशनगंज में 15.81 प्रतिशत, जमुई में 15.77 प्रतिशत, पूर्णिया में 15.54 प्रतिशत, और अररिया में 15.34 प्रतिशत मतदान दर्ज हुआ।
इसके अलावा, पश्चिम चंपारण में 15.04%, पूर्वी चंपारण में 14.11%, शिवहर में 13.94%, सीतामढ़ी में 13.49%, मधुबनी में 13.25%, सुपौल में 14.85%, कटिहार में 13.77%, भागलपुर में 13.43%, बांका में 15.14%, कैमूर में 15.08%, रोहतास में 14.16%, अरवल में 14.95%, जहानाबाद में 13.81%, औरंगाबाद में 15.43%, तथा नवादा में 13.46% मतदान हुआ।
मतदान 20 जिलों की 122 विधानसभा सीटों पर कड़ी सुरक्षा के बीच जारी है। पहले चरण की तरह ही अधिकारियों को उम्मीद है कि मतदान प्रतिशत दिन भर में और बढ़ेगा।
सुबह से ही बड़ी संख्या में महिला मतदाता और पहली बार मतदान करने वाले युवा केंद्रों पर कतार में नजर आए — खासतौर पर शिवहर, सुपौल, किशनगंज और पश्चिम चंपारण जैसे जिलों में।
इन 122 सीटों में से 101 सामान्य, 19 अनुसूचित जाति (एससी) के लिए आरक्षित और 2 अनुसूचित जनजाति (एसटी) के लिए आरक्षित हैं।
दूसरे चरण के लिए 45,399 मतदान केंद्र बनाए गए हैं, जिनमें 5,326 शहरी और 40,073 ग्रामीण हैं। इनमें 595 महिला प्रबंधन वाले, 91 दिव्यांग प्रबंधन वाले, और 316 मॉडल बूथ शामिल हैं। सभी बूथों पर वेबकास्टिंग की व्यवस्था की गई है।
प्रत्येक बूथ पर औसतन 815 मतदाता हैं। आयोग के अनुसार, इस चरण में कुल 3,70,13,556 मतदाता मतदान के पात्र हैं, जिनमें 10,21,812 नए मतदाता शामिल किए गए हैं।
इनमें 1,95,56,899 पुरुष मतदाता (5,28,954 नए) और 1,70,68,572 महिला मतदाता (4,92,839 नए) शामिल हैं, जबकि तीसरे लिंग के 943 मतदाता (90 नए) सूचीबद्ध हैं। 18 से 19 वर्ष आयु वर्ग के 7,69,356 मतदाता पहली बार विधानसभा चुनाव में भाग ले रहे हैं।
चुनाव के सुचारू संचालन के लिए बिहार पुलिस ने व्यापक सुरक्षा इंतज़ाम किए हैं। विशेष सुरक्षा व्यवस्था पश्चिम व पूर्वी चंपारण, सीतामढ़ी, शिवहर, मधुबनी, अररिया और किशनगंज जैसे नेपाल सीमा से सटे सात जिलों में की गई है। इसके साथ ही झारखंड, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल की सीमाओं पर भी निगरानी बढ़ाई गई है।
अंतरराष्ट्रीय सीमाएं पूरी तरह सील कर दी गई हैं, जबकि राज्य की सीमाएं भी रविवार शाम से बंद हैं ताकि बाहरी तत्वों की आवाजाही रोकी जा सके।
चुनाव आयोग के निर्देश पर राज्यभर में केंद्रीय सुरक्षा बलों की 1,650 कंपनियां तैनात की गई हैं। सुरक्षा एजेंसियां ड्रोन, सीसीटीवी कैमरों और क्विक रिस्पांस टीम (QRTs) की मदद से निगरानी कर रही हैं ताकि किसी भी आपात स्थिति में तुरंत कार्रवाई की जा सके।
With inputs from IANS