
पटना — बिहार विधानसभा चुनावों की शुरुआती मतगणना में शुक्रवार सुबह भाजपा और जदयू सबसे बड़ी पार्टी बनने की होड़ में लगभग बराबरी पर दिखीं, जबकि एनडीए गठबंधन स्पष्ट बढ़त बनाए हुए था।
भारत निर्वाचन आयोग के सुबह 11:15 बजे के अपडेट के अनुसार, जदयू 79 सीटों पर आगे थी, जबकि भाजपा अपने सहयोगी से थोड़ा आगे 83 सीटों पर बढ़त बनाए हुए थी। दोनों मिलकर एनडीए 188 सीटों पर आगे था, वहीं महागठबंधन 44 सीटों पर सिमटता दिखाई दिया।
243 सीटों के लिए मतगणना सुबह 8 बजे पोस्टल बैलेट की जांच से शुरू हुई, जिसके बाद 8:30 बजे से ईवीएम मतों की गिनती शुरू हुई। पूरे राज्य में कड़े बहु-स्तरीय सुरक्षा प्रबंध किए गए हैं।
दोनों गठबंधनों के उम्मीदवार अपनी जीत को लेकर आश्वस्त दिखे। एनडीए नेताओं ने दावा किया कि बिहार की जनता ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की “गारंटी” और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के विकास कार्यों पर भरोसा जताया है।
वहीं, आरजेडी के नेतृत्व वाले महागठबंधन ने कहा कि बिहार ने “परिवर्तन के लिए वोट किया है” और उन्हें उम्मीद है कि तेजस्वी यादव अगली सरकार बनाएंगे।
मतगणना प्रक्रिया की निगरानी 243 रिटर्निंग ऑफिसरों और उतनी ही संख्या में चुनाव आयोग द्वारा नियुक्त काउंटिंग ऑब्जर्वरों द्वारा की जा रही है।
विभिन्न उम्मीदवारों के 18,000 से अधिक काउंटिंग एजेंट मतगणना केंद्रों पर मौजूद हैं और प्रक्रिया को नजदीक से देख रहे हैं।
काउंटिंग सेंटरों में प्रवेश केवल वैध पास रखने वालों के लिए है और मतगणना कक्षों में मोबाइल फोन का उपयोग पूरी तरह प्रतिबंधित है।
इस चुनाव में 70 करोड़ से अधिक मतदाताओं ने मतदान किया। मतदान दो चरणों — 6 और 11 नवम्बर — को संपन्न हुआ था।
वर्तमान विधानसभा में एनडीए के पास कुल 131 सीटें हैं — भाजपा की 80, जदयू की 45, हम(से) की चार और दो निर्दलीय। विपक्षी खेमे में कुल 111 सीटें हैं — आरजेडी 77, कांग्रेस 19, माले 11, सीपीएम दो और सीपीआई दो।
With inputs from IANS