
कोलकाता — यूनाइटेड प्लेटफ़ॉर्म फॉर बूथ लेवल ऑफ़िसर्स (BLO) ने रविवार को आरोप लगाया कि राज्य में चल रहे स्पेशल इंटेंसिव रिविज़न (SIR) के दौरान कुछ अधिकारियों पर अवैध तरीक़े से लोगों के नाम बंगाल की वोटर लिस्ट में शामिल करने का दबाव बनाया जा रहा है।
BLO ऐक्य मंच (United Platform for BLOs) के महासचिव स्वपन मंडल ने कहा कि कई बार डेटा एंट्री और फ़ॉर्म अपलोड करने की समय-सीमा को लेकर प्रशासनिक दबाव रहता है।
लेकिन इन सबके ऊपर एक और दबाव है — लोगों के माता-पिता की पहचान से जुड़ी गलत जानकारी दर्ज कराकर उनके नाम मतदाता सूची में शामिल करने का, मंडल ने दावा किया।
उन्होंने कहा, “BLOs पर अलग-अलग तरह से दबाव बनाया जा रहा है। शनिवार को मुझे मालदा ज़िले से फ़ोन आया। पता चला कि चार-पाँच लोग एक ही व्यक्ति का नाम अपने पिता या दादी के रूप में दिखाकर एक साथ मतदाता सूची में नाम जुड़वा रहे हैं। एक ही व्यक्ति के नाम का इस्तेमाल कई लोगों के पिता या दादा के रूप में किया जा रहा है। ऐसा करके नागरिकों को सूची में जोड़ने का एक गठजोड़ चल रहा है और BLOs पर ज़बरदस्ती किया जा रहा है।”
मंडल ने बताया कि ये चार-पाँच लोग उस व्यक्ति से प्रत्यक्ष संबंध नहीं रखते जिसका नाम 2002 की वोटर लिस्ट में था — जब आख़िरी बार SIR हुआ था।
उन्होंने पूछा, “जब BLOs पर इस तरह फ़ॉर्म भरने का दबाव है और वे डर के कारण बोल नहीं पा रहे हैं, तो फिर कैसे एक त्रुटिहीन मतदाता सूची तैयार होगी?”
उन्होंने यह भी स्पष्ट नहीं किया कि किस राजनीतिक दल या संगठन के लोग BLOs पर दबाव डाल रहे हैं।
मंडल ने बताया कि इस मामले को लेकर पश्चिम बंगाल के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (CEO) मनोज कुमार अग्रवाल के कार्यालय में ज्ञापन जमा कर दिया गया है।
With inputs from IANS