संविधान ठीक से लागू हो तो रामभद्राचार्य जेल में होंगे: उद्धित राज ने संत के बयान पर राजनीतिक तूफ़ान को और तीखा कियाBy Admin Tue, 25 November 2025 10:08 AM

नई दिल्ली — कांग्रेस नेता उद्धित राज ने जगद्गुरु रामभद्राचार्य पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि यदि संविधान का सही तरीके से पालन किया जाए तो यह आध्यात्मिक गुरु “जेल में होंगे।” उनके बयान से एससी/एसटी कानून, जातिगत आरक्षण और कांग्रेस की वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी पर रामभद्राचार्य की हालिया टिप्पणियों को लेकर शुरू हुआ राजनीतिक विवाद और तेज हो गया है।

रामभद्राचार्य की टिप्पणियों पर प्रतिक्रिया देते हुए उद्धित राज ने कहा, “वेदा में न संसद है, न प्रधानमंत्री, न मुख्यमंत्री… यह आदमी मूर्ख है। अब इस पर मैं क्या कहूँ?”

पूर्णिया के सांसद पप्पू यादव के इस बयान — कि रामभद्राचार्य की विचारधारा का जवाब केवल डॉ. भीमराव आंबेडकर की सोच है — का समर्थन करते हुए उद्धित राज ने कहा, “उनके लिए यही एकमात्र इलाज है। अगर आज संविधान पूरी तरह लागू हो जाए तो रामभद्राचार्य जेल में होंगे।”

विवाद उस समय और बढ़ गया जब उद्धित राज ने सोनिया गांधी पर रामभद्राचार्य की टिप्पणी पर कड़ी प्रतिक्रिया दी। रामभद्राचार्य ने कहा था कि “वह भारतीय नहीं हैं…, वे हमारे भारतीय बेटे राजीव जी की पत्नी हैं, लेकिन उनके भीतर भारतीयता नहीं है।”

इस पर उद्धित राज ने पलटवार करते हुए कहा, “खुद उनकी उत्पत्ति विदेशी है, पहले अपना डीएनए टेस्ट करा लें और फिर सोनिया गांधी का डीएनए देखें।”

रामभद्राचार्य के बयान राजनीतिक हलकों में व्यापक प्रतिक्रिया का कारण बने हैं। उन्होंने एससी/एसटी एक्ट को खत्म करने की बात कहते हुए कहा था, “एससी/एसटी कानून समाप्त होना चाहिए… मैं कहूँगा कि जाति आधारित आरक्षण नहीं होना चाहिए।”

उनकी इस टिप्पणी पर कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित और सांसद पप्पू यादव ने कड़ी आपत्ति जताई।

संदीप दीक्षित ने तंज कसते हुए कहा, “पहले दो-तिहाई बहुमत हासिल करें, संसद में आएं, सरकार बनाएं और फिर कानून बदलें। या क्या आपको लगता है कि सिर्फ इसलिए प्रधानमंत्री मोदी आपकी सुनेंगे क्योंकि आप उनके समूह से जुड़े हैं? तब आप अपने मंत्रियों से कहकर आरक्षण हटवा दीजिए…”

दीक्षित की प्रतिक्रिया से साफ होता है कि आरक्षण और संवैधानिक सुरक्षा से जुड़े मुद्दे कितने संवेदनशील हैं और राजनीतिक दल उन्हें कितनी गंभीरता से लेते हैं।

 

With inputs from IANS