
नई दिल्ली — प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को भारत-रूस संबंधों की मजबूती की सराहना करते हुए कहा कि पिछले 80 वर्षों में दुनिया ने कई उतार-चढ़ाव देखे हैं, लेकिन भारत और रूस की मित्रता “ध्रुव तारे की तरह स्थिर” बनी रही है।
हैदराबाद हाउस में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ संयुक्त बयान देते हुए पीएम मोदी ने कहा कि दोनों देशों के रिश्ते समय की कसौटी पर हमेशा खरे उतरे हैं और आपसी विश्वास तथा सम्मान पर आधारित हैं।
उन्होंने साझेदारी के प्रमुख पड़ावों का उल्लेख किया:
रणनीतिक साझेदारी की स्थापना के 25 वर्ष
विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी के 15 वर्ष
पुतिन के नेतृत्व में रिश्तों का लगातार मजबूत होना
पीएम मोदी ने कहा, “मैं राष्ट्रपति पुतिन, अपने मित्र, को भारत के प्रति उनकी अटूट प्रतिबद्धता और गहरी मित्रता के लिए दिल से धन्यवाद देता हूँ।”
पहल्गाम (भारत) और क्रोकस सिटी हॉल (रूस) में हुए हालिया हमलों का उल्लेख करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि दोनों देश आतंकवाद के खिलाफ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हैं।
उन्होंने कहा, “भारत मानता है कि आतंकवाद मानवता पर सीधा आघात है। इसके खिलाफ वैश्विक एकता हमारी सबसे बड़ी ताकत है।”
पीएम मोदी ने घोषणा की कि भारत और रूस अब भारतीय नाविकों को आर्कटिक क्षेत्रों (पोलर वाटर्स) में प्रशिक्षण देने में सहयोग करेंगे। इससे आर्कटिक सहयोग मजबूत होगा और युवाओं के लिए नए रोजगार अवसर भी पैदा होंगे।
यूक्रेन संघर्ष पर भारत की स्थिति दोहराते हुए उन्होंने कहा:
“भारत ने शुरुआत से ही शांति का समर्थन किया है। हम किसी भी शांतिपूर्ण और स्थायी समाधान के प्रयासों का स्वागत करते हैं और योगदान देने को तैयार हैं।”
पीएम मोदी ने कहा कि ऊर्जा सुरक्षा भारत-रूस साझेदारी का एक महत्वपूर्ण स्तंभ रही है। उन्होंने उल्लेख किया:
नागरिक परमाणु ऊर्जा में दशकों पुराना सहयोग
वैश्विक सप्लाई चेन को मजबूत करने के लिए महत्वपूर्ण खनिजों में साझेदारी
स्वच्छ ऊर्जा के क्षेत्र में ‘विन-विन’ सहयोग
इससे पहले उन्होंने राष्ट्रपति पुतिन का 23वें भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन में गर्मजोशी से स्वागत किया, जहाँ दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने पर व्यापक चर्चा की।
With inputs from IANS