रूसी सेना में भर्ती हुए 202 भारतीय; 26 की मौत, 50 अभी भी रिहाई का इंतजार: सरकारBy Admin Thu, 18 December 2025 11:19 AM

नई दिल्ली। वर्ष 2022 से अब तक 202 भारतीय नागरिकों को रूसी सशस्त्र बलों में भर्ती किया गया है, जिनमें से 26 की मौत हो चुकी है और सात लोग लापता बताए गए हैं। केंद्र सरकार ने गुरुवार को राज्यसभा को यह जानकारी दी।

यह खुलासा तृणमूल कांग्रेस के सांसद साकेत गोखले और कांग्रेस सांसद रणदीप सिंह सुरजेवाला द्वारा रूस-यूक्रेन युद्ध में कथित रूप से जबरन या अवैध रूप से भर्ती किए गए भारतीयों की स्वदेश वापसी को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में किया गया।

विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने बताया कि भारत के निरंतर कूटनीतिक प्रयासों के चलते अब तक 119 भारतीय नागरिकों को रूसी सेना से शीघ्र रिहाई दिलाई जा चुकी है, जबकि 50 भारतीय अभी भी वहां से मुक्त होने की प्रतीक्षा में हैं।

उन्होंने कहा कि विदेश मंत्रालय (एमईए) रूसी अधिकारियों के साथ लगातार संपर्क में है, ताकि इन भारतीय नागरिकों की सुरक्षा, भलाई और शीघ्र स्वदेश वापसी सुनिश्चित की जा सके।

सरकार ने यह भी पुष्टि की कि इस संघर्ष में अब तक 26 भारतीय नागरिकों की जान जा चुकी है, जबकि सात के लापता होने की जानकारी रूसी पक्ष द्वारा दी गई है।

मृतकों में से 10 भारतीय नागरिकों के पार्थिव शरीर भारत लाए जा चुके हैं, जबकि दो भारतीयों का अंतिम संस्कार रूस में ही भारतीय मिशन की सहायता से किया गया।

राज्य मंत्री ने कहा, “मंत्रालय ने 10 मृतक भारतीय नागरिकों के पार्थिव शरीरों को भारत लाने और दो मृतक भारतीय नागरिकों के स्थानीय स्तर पर अंतिम संस्कार में सहायता प्रदान की है।”

उन्होंने आगे बताया, “जिन 18 भारतीय नागरिकों को मृत या लापता बताया गया है, उनके परिजनों के डीएनए नमूने रूसी अधिकारियों को सौंपे गए हैं, ताकि कुछ मृतकों की पहचान स्थापित करने में मदद मिल सके।”

रूस स्थित भारतीय दूतावास ने रिहा किए गए भारतीय नागरिकों को यात्रा दस्तावेज, हवाई टिकट और अन्य लॉजिस्टिक सहायता उपलब्ध कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, ताकि उनकी सुरक्षित वापसी सुनिश्चित हो सके।

दूतावास ने पार्थिव शरीरों की वापसी और निकासी की प्रक्रिया के दौरान भारत में मौजूद परिवारों के साथ भी लगातार समन्वय किया और उनकी सहमति के आधार पर अंतिम संस्कार या पार्थिव शरीर भारत लाने से जुड़े निर्णय सुनिश्चित किए।

सरकार ने कहा कि यह मुद्दा दोनों देशों के नेताओं, मंत्रियों और वरिष्ठ अधिकारियों के बीच विभिन्न कूटनीतिक स्तरों पर उठाया गया है और संसद को आश्वासन दिया कि जब तक सभी शेष भारतीयों को रिहा कर सुरक्षित स्वदेश नहीं लाया जाता, तब तक प्रयास जारी रहेंगे।

 

With inputs from IANS