धार्मिक भावनाएं आहत करने के मामले में गिरफ़्तार लॉ छात्रा को कलकत्ता हाईकोर्ट से अंतरिम जमानतBy Admin Thu, 05 June 2025 11:10 AM

कोलकाता: कलकत्ता हाईकोर्ट ने धार्मिक भावनाएं आहत करने और नफरत फैलाने के आरोप में गिरफ़्तार की गई 22 वर्षीय लॉ छात्रा और सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर शर्मिष्ठा पनौली को अंतरिम जमानत प्रदान की है।

न्यायमूर्ति राजा बसु चौधरी की अवकाशकालीन पीठ ने उन्हें 10,000 रुपये के निजी मुचलके पर जमानत दी है।

हालांकि, यह जमानत कई शर्तों के साथ दी गई है। कोर्ट ने निर्देश दिया है कि शर्मिष्ठा जांच में पूर्ण सहयोग करें और कोर्ट की पूर्व अनुमति के बिना देश न छोड़ें।

न्यायमूर्ति बसु चौधरी ने यह भी कहा कि अगर उन्हें शैक्षणिक कारणों से विदेश जाना पड़े, तो उनकी अर्जी पर गंभीरता से विचार किया जाए।

कोर्ट ने कोलकाता पुलिस को निर्देश दिया कि उन्हें पूर्ण सुरक्षा प्रदान की जाए, क्योंकि विवादित पोस्ट को लेकर उन्हें धमकियां मिल रही हैं। यह पोस्ट उन्होंने बाद में हटा ली थी और सार्वजनिक रूप से माफी भी मांगी थी।

हाईकोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि इस मामले में हिरासत में पूछताछ की आवश्यकता नहीं है।

कोर्ट ने गिरफ्तारी वारंट को भी "यंत्रवत और जल्दबाज़ी में जारी" बताया, और कहा कि इसे पर्याप्त कानूनी जांच के बिना जारी किया गया था। कोर्ट ने यह भी उल्लेख किया कि जब उन्हें समन भेजा जा रहा था, वह कोलकाता में मौजूद नहीं थीं।

15 मई को गार्डन रीच थाने में शर्मिष्ठा के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई थी। उन पर आरोप था कि उन्होंने इंस्टाग्राम पर 'ऑपरेशन सिंदूर' से संबंधित एक वीडियो में आपत्तिजनक टिप्पणियां कीं, जिससे एक समुदाय की धार्मिक भावनाएं आहत हुईं।

जनता की कड़ी आलोचना के बाद उन्होंने वीडियो हटा दिया और माफ़ी भी मांग ली, लेकिन इसके बावजूद उन्हें 30 मई को गुरुग्राम से गिरफ़्तार किया गया।

31 मई को कोलकाता की ट्रायल कोर्ट ने उन्हें 13 जून तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया।

इस पूरे मामले पर भाजपा की बंगाल इकाई ने कोलकाता पुलिस की रातों-रात कार्रवाई पर सवाल उठाया और इसे वोट बैंक की राजनीति से प्रेरित बताया।

 

With inputs from IANS