नई दिल्ली — संसद का मानसून सत्र सोमवार से शुरू हो रहा है, जो ऑपरेशन सिंदूर — पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों पर भारत द्वारा किए गए सटीक हवाई हमलों — के बाद संसद की पहली बैठक होगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सत्र के औपचारिक आरंभ से पहले सांसदों को संबोधित करेंगे।
यह मानसून सत्र, जो 21 जुलाई से 21 अगस्त तक चलेगा, कुल 32 दिनों में 21 बैठकें आयोजित करेगा। 12 अगस्त से 17 अगस्त तक संसद की कार्यवाही स्वतंत्रता दिवस समारोह के चलते स्थगित रहेगी और 18 अगस्त से दोबारा शुरू होगी।
विपक्ष ने ऑपरेशन सिंदूर को लेकर सरकार से जवाब और पारदर्शिता की मांग की है। 22 अप्रैल को पहलगाम आतंकी हमले में 26 लोगों की मौत हुई थी, जिनमें ज्यादातर पर्यटक थे। इसके बाद भारत ने पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों पर जवाबी कार्रवाई की थी।
विपक्ष इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का बयान चाहता है और साथ ही अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा बार-बार भारत-पाक के बीच मध्यस्थता के दावे पर भी सफाई की मांग कर रहा है।
एक अन्य विवादास्पद मुद्दा है बिहार में चल रही विशेष मतदाता सूची पुनरीक्षण (SIR) प्रक्रिया। विपक्ष ने इसकी पारदर्शिता और समयबद्धता पर सवाल उठाते हुए इसे राज्य चुनावों को प्रभावित करने की कोशिश बताया है।
सरकार इस सत्र में कई महत्वपूर्ण विधेयक पेश करने जा रही है, जिनमें शामिल हैं:
GST सुधार से जुड़े विधेयक
कर कानूनों में संशोधन
सार्वजनिक ट्रस्ट से संबंधित विधेयक
खेल प्रशासन,
बंदरगाह और खनिज नीतियाँ
और भू-संरक्षित धरोहर स्थलों के संरक्षण पर कानून
इसके अलावा, इनकम टैक्स बिल 2025 पर संसदीय समिति की रिपोर्ट लोकसभा में प्रस्तुत की जाएगी।
साथ ही, एक न्यायाधीश को हटाने के प्रस्ताव पर भी संसद में बहस की उम्मीद है, जिससे सत्र का एजेंडा और अधिक गंभीर हो गया है।
संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने रविवार को हुई सर्वदलीय बैठक के बाद कहा, “ऑपरेशन सिंदूर जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा के लिए सरकार पूरी तरह तैयार है। ये मुद्दे राष्ट्रहित से जुड़े हैं और सरकार किसी भी बहस से पीछे नहीं हटेगी, बशर्ते वह नियमों और परंपराओं के तहत हो।”
उन्होंने यह भी कहा कि सरकार के लिए संसदीय नियम और परंपराएँ अत्यंत महत्वपूर्ण हैं।
With inputs from IANS