
नई दिल्ली/लंदन — प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार शाम दो दिवसीय यात्रा पर ब्रिटेन पहुंचे और कहा कि “भारत और ब्रिटेन के बीच मजबूत दोस्ती वैश्विक प्रगति के लिए अत्यंत आवश्यक है।”
प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया मंच X पर लिखा,
“लंदन पहुंच गया हूं। यह यात्रा हमारे दोनों देशों के बीच आर्थिक साझेदारी को आगे बढ़ाने में सहायक होगी। हमारा फोकस समृद्धि, विकास और रोज़गार सृजन को बढ़ावा देने पर रहेगा। भारत-ब्रिटेन की मज़बूत मैत्री वैश्विक प्रगति के लिए महत्वपूर्ण है।”
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रंधीर जायसवाल ने X पर लिखा,
“भारत-ब्रिटेन व्यापक रणनीतिक साझेदारी में एक नई शुरुआत। प्रधानमंत्री @narendramodi लंदन पहुंचे। इस दौरे में प्रधानमंत्री @Keir_Starmer के साथ द्विपक्षीय वार्ता और महामहिम राजा चार्ल्स तृतीय से मुलाकात प्रस्तावित है।”
यह यात्रा प्रधानमंत्री मोदी की ब्रिटेन की चौथी यात्रा है और ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर के निमंत्रण पर हो रही है। प्रस्थान से पूर्व मोदी ने कहा था,
“ब्रिटेन जा रहा हूं, एक ऐसा देश जिसके साथ हमारी व्यापक रणनीतिक साझेदारी ने हाल के वर्षों में जबरदस्त गति पकड़ी है। मैं प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर से बातचीत और महामहिम राजा चार्ल्स तृतीय से मुलाकात को लेकर उत्साहित हूं।”
विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि इस दौरे में व्यापार और अर्थव्यवस्था, प्रौद्योगिकी और नवाचार, रक्षा और सुरक्षा, जलवायु, स्वास्थ्य, शिक्षा और लोगों से लोगों के संबंधों पर विशेष ध्यान देते हुए व्यापक रणनीतिक साझेदारी (CSP) की प्रगति की समीक्षा की जाएगी।
बातचीत के दौरान क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर भी चर्चा होगी जो दोनों देशों के लिए महत्त्वपूर्ण हैं।
यह यात्रा भारत-ब्रिटेन रणनीतिक साझेदारी को नई गति देने की दिशा में मील का पत्थर मानी जा रही है। दोनों नेता भारत-ब्रिटेन मुक्त व्यापार समझौते (FTA) सहित सहयोग के नए क्षेत्रों की रूपरेखा तय करेंगे।
तीन वर्षों से बातचीत में चल रहे इस FTA के तहत भारत के 99% निर्यात पर टैरिफ हटने और ब्रिटेन के 90% उत्पादों पर शुल्क कम होने की संभावना है। इससे 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार $60 अरब से दोगुना होने की उम्मीद है। ब्रिटेन के लिए व्हिस्की और कार जैसे उत्पादों के निर्यात को भी बल मिलेगा।
पीएम मोदी इस दौरे में ब्रिटेन में सक्रिय खालिस्तानी चरमपंथियों के मुद्दे को भी उठा सकते हैं। इस पर विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा,
“ब्रिटेन में खालिस्तानी तत्वों और उनके सहयोगी संगठनों की उपस्थिति का मुद्दा हम पहले ही ब्रिटिश अधिकारियों के सामने रख चुके हैं।”
विदेश मंत्रालय के अनुसार, यह दौरा भारत-ब्रिटेन के बीच लगातार हो रही उच्चस्तरीय बातचीत का हिस्सा है। प्रधानमंत्री मोदी और ब्रिटिश पीएम स्टार्मर की मुलाकात हाल ही में दो बार हो चुकी है — ब्राज़ील में G20 शिखर सम्मेलन और जून 2025 में G7 बैठक के दौरान। दोनों के बीच कई बार फोन पर भी बातचीत हुई है।
With inputs from IANS