'कारगिल युद्ध के वीर शहीद हमारी सेनाओं के मार्गदर्शक प्रकाशस्तंभ हैं': सीडीएस अनिल चौहानBy Admin Sat, 26 July 2025 06:34 AM

नई दिल्ली: चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल अनिल चौहान ने शनिवार को 1999 के कारगिल युद्ध में मातृभूमि की रक्षा करते हुए अपने प्राणों की आहुति देने वाले वीर सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित की।

कारगिल विजय दिवस के अवसर पर भारतीय सशस्त्र बलों, पूर्व सैनिकों और उनके परिजनों को शुभकामनाएं देते हुए जनरल चौहान ने कहा कि वीरों का अदम्य साहस आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा बना रहेगा और हमारी सेनाओं के लिए एक प्रकाशस्तंभ की तरह मार्गदर्शन करता रहेगा।

एक बयान में सीडीएस ने कहा:
"हम उन वीर शहीदों को गहरी श्रद्धा के साथ याद करते हैं जिन्होंने अपने कर्तव्य का पालन करते हुए सर्वोच्च बलिदान दिया। उनका अटूट साहस आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करता रहेगा और हमारी सशस्त्र सेनाओं व देश के युवाओं के लिए हमेशा मार्गदर्शक बना रहेगा। उनका बलिदान कभी भुलाया नहीं जाएगा।"

उन्होंने कहा कि कारगिल विजय दिवस हर भारतीय को उन भारतीय सैनिकों की अद्वितीय वीरता, दृढ़ता और देशभक्ति की याद दिलाता है, जिन्होंने युद्ध के दौरान देश की क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा के लिए निर्भय होकर लड़ाई लड़ी।

सीडीएस ने यह भी कहा कि यह दिन हमें पाकिस्तान के विश्वासघात की कड़वी सच्चाई की याद भी दिलाता है, जहां पाकिस्तानी सेना ने 'मजदूहीन' के रूप में अपने नियमित सैनिकों को भेजकर महान हिमालयी क्षेत्र के पार संघर्ष को बढ़ाया।

उन्होंने कहा,
"दुश्मन ऊंची पहाड़ियों पर कब्जा जमाकर और मजबूत मोर्चाबंदी के साथ रणनीतिक बढ़त के साथ मौजूद था, जिससे उसे सरप्राइज का फायदा मिला।"

जनरल चौहान ने कहा,
"हमारी सेनाओं ने विषम परिस्थितियों में, भारी दुश्मन फायर के बीच खड़ी चट्टानों पर चढ़ते हुए, भीषण मौसम और ऊंचाई के बावजूद विजय प्राप्त की। यह अभियान हमारे युवा अधिकारियों के साहसिक नेतृत्व का प्रमाण है, जिन्होंने अभूतपूर्व खतरे के सामने अपने सैनिकों को विजय की ओर अग्रसर किया।"

उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर की प्रशंसा करते हुए कहा कि,
"चाहे दुश्मन भारत की दृढ़ इच्छाशक्ति को कितनी भी बार परखे, कारगिल की विरासत और ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की सफलता यह प्रमाणित करती है कि भारत की संयुक्तता, तैयारी और अडिग साहस हमेशा दुश्मन की चालबाज़ी और आक्रमण पर भारी पड़ेगा।"

सीडीएस ने यह भी कहा कि कारगिल विजय दिवस केवल अतीत को याद करने का दिन नहीं है, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा लेने का अवसर भी है।

"हमारे नायकों की विरासत हर नागरिक को यह याद दिलाए कि राष्ट्र सेवा हमारा परम कर्तव्य है, जिसे पूरी निष्ठा और गर्व के साथ निभाना चाहिए," उन्होंने अंत में कहा।

 

With inputs from IANS