
श्रीनगर – जम्मू-कश्मीर के कुलगाम जिले में आतंकवादियों के खिलाफ चलाया जा रहा सुरक्षा अभियान सोमवार को चौथे दिन भी जारी रहा। जिले के अखल वन क्षेत्र में रविवार रात रुक-रुक कर गोलीबारी और धमाकों की आवाजें आती रहीं।
अधिकारियों ने बताया कि जंगल क्षेत्र में लगातार फायरिंग और ब्लास्ट की आवाजें सुनाई दे रही हैं।
सेना, सीआरपीएफ और जम्मू-कश्मीर पुलिस की संयुक्त टीमों ने CASO (Cordon & Search Operation) का दायरा बढ़ा दिया है और अधिकारी हालात पर करीबी नजर बनाए हुए हैं।
अब तक इस अभियान में एक आतंकी मारा गया है, जबकि एक अन्य गंभीर रूप से घायल हुआ है। वहीं, चार सैनिक घायल हो चुके हैं।
सेना ने रुद्र हेलिकॉप्टर, ड्रोन और पैरा कमांडो तैनात किए हैं ताकि जंगल में छिपे आतंकवादी भाग न सकें।
आंतरिक इलाकों में आतंकियों के खिलाफ आक्रामक अभियान जारी हैं, जबकि एलओसी (नियंत्रण रेखा) पर सेना पूरी सतर्कता के साथ तैनात है।
22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 नागरिकों की हत्या के लिए जिम्मेदार तीन कट्टर पाकिस्तानी आतंकियों को मार गिराना भी इन्हीं संयुक्त अभियानों का हिस्सा है।
इन तीनों आतंकियों में लश्कर-ए-तैयबा कमांडर सुलेमान शाह और उसके साथी अबू हमजा और जिबरान भाई शामिल थे, जिन्हें 28 जुलाई को श्रीनगर के हरवन क्षेत्र में महादेव पर्वत के नीचे दाचीगाम नेशनल पार्क की ऊंचाई पर मारा गया।
इस अभियान को सेना ने ‘ऑपरेशन महादेव’ नाम दिया है।
पहलगाम हमले के बाद से सुरक्षा बल केवल हथियारबंद आतंकियों के खिलाफ ही नहीं, बल्कि उनके ओवरग्राउंड वर्कर्स (OGWs) और समर्थकों के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई कर रहे हैं।
इसके अलावा नशीली दवाओं की तस्करी और हवाला नेटवर्क से जुड़े तस्करों पर भी नजर रखी जा रही है, क्योंकि आशंका है कि इनसे मिलने वाली फंडिंग आतंकवाद को जिंदा रखने में इस्तेमाल हो रही है।
संयुक्त बलों द्वारा चलाए जा रहे ये सूचना-आधारित और समन्वित अभियान जम्मू-कश्मीर में सिर्फ आतंकियों का सफाया नहीं, बल्कि आतंकवाद के पूरे तंत्र को खत्म करने की दिशा में उठाया गया कदम हैं।
With inpus from IANS