अमेरिकी टैरिफ वृद्धि का भारत की अर्थव्यवस्था पर बड़ा असर नहीं होगा: आरबीआई गवर्नरBy Admin Wed, 06 August 2025 08:10 AM

मुंबई — भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने बुधवार को कहा कि अमेरिका द्वारा टैरिफ बढ़ाने का भारत की अर्थव्यवस्था पर कोई बड़ा असर नहीं पड़ेगा, जब तक कि प्रतिशोध में कोई टैरिफ नहीं लगाया जाता।

मौद्रिक नीति की घोषणा के बाद आयोजित प्रेस वार्ता में मल्होत्रा ने कहा,

“अमेरिकी टैरिफ को लेकर चल रही अनिश्चितता का भारत की अर्थव्यवस्था पर कोई विशेष प्रभाव नहीं पड़ेगा, जब तक कि बदले में टैरिफ न लगाया जाए, जिसकी संभावना हमें फिलहाल नहीं दिख रही है।”

उन्होंने यह भी कहा कि,

“हमें उम्मीद है कि इस मुद्दे का सौहार्दपूर्ण समाधान निकल आएगा।”
यह बात उन्होंने भारत और अमेरिका के बीच बढ़ते व्यापारिक तनाव पर टिप्पणी करते हुए कही।

गवर्नर मल्होत्रा ने यह भी उल्लेख किया कि वैश्विक अनिश्चितताओं को ध्यान में रखते हुए RBI ने वित्त वर्ष 2025 के लिए GDP वृद्धि दर का अनुमान 6.7% से घटाकर 6.5% कर दिया है।

इसके अलावा उन्होंने कहा कि भारत के पास विदेशी मुद्रा भंडार इतना है कि वह 11 महीनों के आयात को कवर कर सकता है।

“हमें भरोसा है कि हम बाहरी क्षेत्र की ज़रूरतों को पूरा करने में सक्षम हैं,” उन्होंने कहा।

जब उनसे पूछा गया कि रूस से तेल की खरीद में संभावित कमी का घरेलू मुद्रास्फीति पर क्या असर पड़ेगा, तो उन्होंने स्पष्ट किया कि भारत केवल रूस से ही नहीं, बल्कि कई देशों से तेल खरीदता है।

उन्होंने कहा,

“हमें दो बातें ध्यान में रखनी होंगी: पहली, हम केवल रूसी तेल नहीं खरीद रहे हैं, बल्कि अन्य देशों से भी ले रहे हैं। अगर तेल का स्रोत बदलेगा, तो कीमतों पर क्या असर होगा, यह वैश्विक कच्चे तेल की कीमतों पर भी निर्भर करेगा।
दूसरी बात, यह इस पर भी निर्भर करती है कि सरकार एक्साइज ड्यूटी और अन्य शुल्कों में कितना भार अपने ऊपर लेती है। इसलिए फिलहाल हमें इससे महंगाई पर कोई बड़ा प्रभाव पड़ता नहीं दिख रहा।”

आरबीआई की डिप्टी गवर्नर पूनम गुप्ता ने कहा,

“महंगाई पर असर बहुत सीमित रहने की संभावना है, क्योंकि हमारे मुद्रास्फीति बास्केट का लगभग आधा हिस्सा खाद्य वस्तुओं का है, जो वैश्विक घटनाओं से सीधे प्रभावित नहीं होता।”

 

With inputs from IANS