
जम्मू- जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले में रविवार को संयुक्त सुरक्षा बलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़ शुरू हो गई।
नागरोटा स्थित व्हाइट नाइट कोर ने ‘एक्स’ पर बताया, “अलर्ट भारतीय सेना के जवानों ने खुफिया सूचना के आधार पर की गई कार्रवाई के दौरान 10 अगस्त 2025 की सुबह किश्तवाड़ के डुल क्षेत्र में आतंकियों से संपर्क स्थापित किया। दोनों ओर से गोलीबारी हुई। ऑपरेशन जारी है।”
इस बीच, कश्मीर के कुलगाम जिले के अखाल देवसर जंगल क्षेत्र में चल रहा लंबा आतंक विरोधी अभियान रविवार को 10वें दिन में प्रवेश कर गया।
अब तक इस ऑपरेशन में एक स्थानीय आतंकी और दो सैनिक मारे गए हैं, जबकि चार सैनिक घायल हुए हैं और उनका अस्पताल में इलाज चल रहा है।
सेना ने छिपे हुए आतंकियों को भागने से रोकने के लिए रुद्र हेलीकॉप्टर, ड्रोन और पैरा कमांडो तैनात किए हैं।
हिंटरलैंड में आतंकियों के खिलाफ सुरक्षा बलों के आक्रामक अभियान जारी हैं, वहीं एलओसी पर सेना को अधिकतम सतर्कता के साथ तैनात किया गया है।
22 अप्रैल को पहलगाम आतंकी हमले में 26 लोगों की मौत के लिए जिम्मेदार तीन कुख्यात पाकिस्तानी आतंकियों के खात्मे को भी संयुक्त बलों के इसी आक्रामक अभियान का हिस्सा माना जा रहा है।
लश्कर-ए-तैयबा (LeT) कमांडर सुलेमान शाह और उसके दो सहयोगी अबू हम्ज़ा व जिब्रान भाई, जो पहलगाम हमले में शामिल थे, को 28 जुलाई को श्रीनगर के हरवन क्षेत्र में महादेव पर्वत शिखर के तल पर स्थित दाचीगाम नेशनल पार्क के ऊंचे इलाकों में मार गिराया गया।
सेना ने इस अभियान को ‘ऑपरेशन महादेव’ नाम दिया।
पहलगाम आतंकी हमले के बाद सुरक्षा बल बंदूकधारी आतंकियों के साथ-साथ उनके ओवरग्राउंड वर्कर्स और समर्थकों के खिलाफ भी अभियान चला रहे हैं।
मादक पदार्थों के तस्कर और ड्रग पेडलर्स भी सुरक्षा बलों के रडार पर हैं, क्योंकि माना जाता है कि हवाला और ड्रग तस्करी से होने वाली कमाई का इस्तेमाल जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद को जिंदा रखने के लिए किया जाता है।
संयुक्त बलों के समन्वित और खुफिया तंत्र पर आधारित ये अभियान सिर्फ आतंकियों के खात्मे तक सीमित नहीं हैं, बल्कि आतंकवाद के पूरे नेटवर्क को तोड़ने पर केंद्रित हैं।
With inputs from IANS