
जम्मू — जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले में गुरुवार को एक भीषण बादल फटने की घटना हुई, जिसमें कई लोगों के हताहत होने की आशंका जताई जा रही है। अधिकारियों के अनुसार, प्रभावित क्षेत्र में राहत एवं बचाव कार्य शुरू कर दिया गया है।
यह घटना किश्तवाड़ के पाडर उपमंडल के छोसीटी गांव में हुई।
स्थानीय रिपोर्टों में दावा किया गया है कि इस बादल फटने से कम से कम 10 लोगों की मौत हो चुकी है, हालांकि आधिकारिक तौर पर अभी इसकी पुष्टि नहीं हुई है।
केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने बताया कि बादल फटने की यह घटना पाडर उपमंडल के छोसीटी क्षेत्र में हुई है और राहत एवं बचाव कार्य के लिए टीमें मौके पर भेजी जा चुकी हैं। उन्होंने कहा कि नुकसान का आकलन करने के साथ-साथ आवश्यक चिकित्सा सहायता भी उपलब्ध कराई जा रही है।
डॉ. सिंह ने आश्वासन दिया कि उनका कार्यालय लगातार स्थिति की जानकारी ले रहा है और प्रभावित क्षेत्र को हर संभव सहायता प्रदान की जाएगी।
जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा— "छोसीटी, किश्तवाड़ में बादल फटने की घटना से व्यथित हूँ। शोक संतप्त परिवारों के प्रति संवेदनाएं और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना।" उन्होंने प्रशासन, पुलिस, सेना, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ को बचाव एवं राहत कार्य तेज करने और हर संभव सहायता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और बीजेपी के सुनील शर्मा, किश्तवाड़ के उपायुक्त और एसएसपी भी प्रभावित गांव के लिए रवाना हो गए हैं, ताकि बचाव कार्य का नेतृत्व किया जा सके।
शर्मा ने बताया कि यह घटना उस स्थान पर हुई है, जहां चार पहिया वाहन पार्क किए जाते हैं और श्री मचैल यात्रा के लिए कई अस्थायी दुकानें लगाई जाती हैं। उन्होंने कहा कि एनडीआरएफ और अन्य एजेंसियां बड़े पैमाने पर राहत एवं बचाव कार्य करेंगी।
एडीसी किश्तवाड़ के अनुसार, श्री मचैल यात्रा को अगली सूचना तक स्थगित कर दिया गया है। उन्होंने लोगों से अपील की कि वे घबराएं नहीं, क्योंकि एसडीआरएफ, रेड क्रॉस और अन्य सरकारी एजेंसियां बचाव कार्य में लगी हैं।
इस क्षेत्र में नेटवर्क कनेक्टिविटी कमजोर होने के कारण संचार में कठिनाई हो रही है।
स्थानीय सूत्रों के अनुसार, कई ढांचों को भी भारी नुकसान पहुंचा है, हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि अभी बाकी है।
किश्तवाड़ के एसएसपी नरेश सिंह ने कहा— "हां, हमें बादल फटने की सूचना मिली है। हमने गांव में बचाव टीमें भेज दी हैं।"
स्थानीय लोगों का कहना है कि क्षेत्र की दुर्गमता, भारी बारिश और खराब कनेक्टिविटी के कारण राहत कार्य में मुश्किलें आ रही हैं। विस्तृत जानकारी की प्रतीक्षा है।
With inputs from IANS