जेएंडके के कठुआ में बादल फटने से आई बाढ़, चार की मौतBy Admin Sun, 17 August 2025 05:29 AM

जम्मू- जम्मू-कश्मीर के कठुआ जिले में शनिवार और रविवार की दरम्यानी रात बादल फटने से आई अचानक बाढ़ में कम से कम चार लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए। अधिकारियों ने बताया कि प्रभावित क्षेत्र में राहत और बचाव कार्य जारी है।

प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने ‘एक्स’ पर लिखा, “जंगलोट इलाके में बादल फटने की सूचना मिलने के बाद कठुआ के एसएसपी श. शोहबित सक्सेना से बात की। 4 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है। इसके अलावा रेलवे ट्रैक, नेशनल हाईवे और कठुआ पुलिस स्टेशन को भी नुकसान पहुंचा है।”

उन्होंने आगे कहा कि नागरिक प्रशासन, सेना और अर्धसैनिक बल सक्रिय हो गए हैं और हालात पर लगातार नजर रखी जा रही है।
“मेरी संवेदनाएं मृतकों के परिजनों के साथ हैं,” उन्होंने पोस्ट में लिखा।

जिला प्रशासन ने मौसम संबंधी परामर्श जारी करते हुए कहा कि जिलेभर में "भारी से बहुत भारी वर्षा" हो रही है। साथ ही लोगों से नदियों, नालों और जलाशयों से दूर रहने की अपील की गई।

संघ शासित प्रदेश के सूचना एवं जनसंपर्क विभाग ने भी ‘एक्स’ पर चेतावनी जारी करते हुए कहा:
“मौसम परामर्श | कठुआ : जिले में भारी से बहुत भारी वर्षा दर्ज की गई है। नदियों, नालों, पहाड़ी व भूस्खलन-प्रवण क्षेत्रों से दूर रहें। अचानक बाढ़ और भूस्खलन के जोखिम को देखते हुए सतर्क रहें।”

यह जम्मू-कश्मीर में पिछले चार दिनों के भीतर दूसरी बार बादल फटने की घटना है।

14 अगस्त को किश्तवाड़ जिले के पड्डर उपखंड के चाशोटी गांव में भीषण बादल फटा था। उस त्रासदी में अब तक 65 शव बरामद किए जा चुके हैं, जबकि 100 से अधिक लोगों को बचाया गया है। वहीं, 75 लोग अब भी लापता बताए जा रहे हैं। स्थानीय लोग और चश्मदीदों का दावा है कि सैकड़ों लोग अचानक बाढ़ की चपेट में आकर चट्टानों, लकड़ियों और मलबे के नीचे दब गए।

मृतकों में सीआईएसएफ के दो जवान और स्थानीय पुलिस का एक स्पेशल पुलिस ऑफिसर (SPO) भी शामिल है।

यह आपदा 14 अगस्त दोपहर करीब 12:25 बजे आई, जिसने मचैल माता मंदिर जाने वाले मार्ग पर स्थित चाशोटी गांव में अस्थायी बाजार, लंगर स्थल और सुरक्षा चौकी को तबाह कर दिया।

बाढ़ में कम से कम 16 आवासीय घर और सरकारी इमारतें, तीन मंदिर, चार पानी के चक्कीघर, 30 मीटर लंबा पुल और एक दर्जन से ज्यादा वाहन बह गए या क्षतिग्रस्त हुए।

25 जुलाई से शुरू हुई और 5 सितंबर तक चलने वाली मचैल माता यात्रा इस हादसे के कारण लगातार तीसरे दिन निलंबित रही।

चाशोटी से 9,500 फीट ऊंचाई पर स्थित मंदिर तक की 8.5 किलोमीटर लंबी पैदल यात्रा किश्तवाड़ से करीब 90 किलोमीटर दूर से शुरू होती है।

प्रशासन ने बचाव कार्य तेज कर दिया है। एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, होमगार्ड, स्थानीय स्वयंसेवकों और जम्मू-कश्मीर पुलिस के साथ सेना ने भी 300 से अधिक जवानों को मौके पर तैनात किया है। भारी मशीनरी, विशेष उपकरण और डॉग स्क्वॉड का इस्तेमाल भी किया जा रहा है।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने ‘एक्स’ पर आपदा स्थल का दौरा करने के बाद लिखा: “लंबी और कठिन चढ़ाई के बाद, आधी रात के करीब किश्तवाड़ के बादल फटने की त्रासदी वाले स्थल तक पहुंच सका।”

 

With inputs from IANS