छत्तीसगढ़: नक्सल विरोधी अभियान के दौरान आईईडी ब्लास्ट में जवान शहीद, तीन घायलBy Admin Mon, 18 August 2025 06:22 AM

रायपुर- छत्तीसगढ़ के बीजापुर ज़िले के इंद्रावती नेशनल पार्क क्षेत्र में सोमवार को नक्सल विरोधी अभियान के दौरान माओवादियों द्वारा लगाए गए शक्तिशाली आईईडी विस्फोट में जिला रिजर्व गार्ड (डीआरजी) का एक जवान शहीद हो गया और तीन अन्य घायल हो गए।

शहीद जवान की पहचान दिनेश नाग के रूप में हुई है, जो बीजापुर के ही रहने वाले थे। वह 2017 में प्रत्यक्ष भर्ती के जरिए डीआरजी में शामिल हुए थे। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि वे अपनी पत्नी (जो इस समय गर्भवती हैं) और एक बच्चे को पीछे छोड़ गए हैं।

उनका पार्थिव शरीर बीजापुर जिला अस्पताल लाया गया, जहां अधिकारियों और स्थानीय लोगों ने श्रद्धांजलि दी।

बस्तर रेंज के आईजी पी. सुंदरराज ने बताया कि डीआरजी की टीम चिल्ला मारका गांव के पास घने जंगलों में गश्त कर रही थी। इसी दौरान दिनेश नाग दबाव से सक्रिय होने वाले आईईडी पर पैर रख बैठे, जिसे माओवादियों ने वहां छिपा कर रखा था।

विस्फोट में नाग की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि तीन अन्य जवान — भरत धीर, पायकू हेमला और मुंद्रु कवासी घायल हो गए। उन्हें प्राथमिक उपचार के बाद उन्नत इलाज के लिए रायपुर एयरलिफ्ट किया गया है। फिलहाल उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है।

इंद्रावती नेशनल पार्क, जहां यह विस्फोट हुआ, बस्तर संभाग के सबसे संवेदनशील इलाकों में से एक है। इसी वर्ष अब तक सुरक्षा बलों ने इस क्षेत्र में कम से कम 44 नक्सलियों को मार गिराया है। घना जंगल और राज्य की सीमित उपस्थिति इसे नक्सलियों का प्रमुख ठिकाना बनाए हुए है।

यह घटना नक्सल प्रभावित क्षेत्र में हुई हालिया हिंसक झड़पों की कड़ी में ताज़ा मामला है।

कुछ दिन पहले, 13 अगस्त को, सुरक्षा बलों ने मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी ज़िले में संयुक्त अभियान चलाकर दो बड़े नक्सली नेताओं विजय रेड्डी और लोकेश सलामे को ढेर किया था।

रेड्डी, दंडकारण्य स्पेशल ज़ोनल कमेटी के शीर्ष सदस्य थे और उन पर 90 लाख रुपये का इनाम था। वहीं, सलामे राजनांदगांव-कांकेर बॉर्डर डिवीजन के सचिव थे और उन पर 26 लाख रुपये का इनाम घोषित था।

छत्तीसगढ़ पुलिस, डीआरजी और इंडो-तिब्बतन बॉर्डर पुलिस की 27वीं बटालियन द्वारा चलाए गए इस अभियान को दंडकारण्य और राजनांदगांव-कांकेर बॉर्डर क्षेत्र में नक्सली नेटवर्क के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। मौके से हथियार और नक्सली सामग्री बरामद हुई थी। अधिकारियों का मानना है कि रेड्डी और सलामे की मौत से नक्सली नेटवर्क काफी कमजोर हो गया है।

 

With inputs from IANS