
शिनजियांग। ‘बेल्ट एंड रोड इंटरनेशनल यूथ बॉक्सिंग गाला – U17/U19/U23 इंटरनेशनल ट्रेनिंग कैंप एंड टूर्नामेंट’ में भारत के जूनियर लड़के और लड़कियों ने शानदार जीत दर्ज करते हुए तीसरे दिन तक 26 पदक पक्के कर लिए। भारत के सभी 26 मुक्केबाज़ सेमीफाइनल में पहुँच गए हैं।
भारत की ओर से कुल 58 सदस्यीय दल भेजा गया है, जिसमें 20 लड़के और 20 लड़कियाँ शामिल हैं। इनके साथ 12 कोच, 6 सपोर्ट स्टाफ और 1 रेफरी एवं जज भी गए हैं। इस बार केवल अंडर-17 वर्ग (लड़के और लड़कियाँ) भारत का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं।
यह टीम 6वीं U-17 जूनियर बॉयज़ और गर्ल्स नेशनल बॉक्सिंग चैंपियनशिप 2025 से चुनी गई है। जिन खिलाड़ियों ने एशियन यूथ गेम्स और नॉन-एशियन यूथ गेम्स की विभिन्न वेट कैटेगरी में पदक जीते थे, उन्हें इसमें जगह दी गई है।
सेमीफाइनल में पहुँचे मुक्केबाज़ों में ध्रुव खर्ब (46 किग्रा), उदय सिंह (46 किग्रा), फलक (48 किग्रा), पियूष (50 किग्रा), आदित्य (52 किग्रा), उद्यम सिंह राघव (54 किग्रा), आशीष (54 किग्रा), देवेंद्र चौधरी (75 किग्रा), जयदीप सिंह हांजरा (80 किग्रा) और लोवेन गुलिया (+80 किग्रा) शामिल हैं। इन खिलाड़ियों ने चीन, कोरिया, उज्बेकिस्तान और किर्गिस्तान के मुक्केबाज़ों को हराकर अंतिम चार में जगह बनाई।
27 अगस्त को भारतीय जूनियर लड़कियों ने रिंग पर दबदबा दिखाते हुए शानदार जीत हासिल की। खुशी (46 किग्रा), भक्ती (50 किग्रा), राधामणि (60 किग्रा), हरसिका (60 किग्रा), दिया (66 किग्रा), प्रिया (66 किग्रा), लक्ष्मी (46 किग्रा), चाहत (60 किग्रा), हिमांशी (66 किग्रा), हरनूर (66 किग्रा) और प्राची खत्री (+80 किग्रा) ने चीन और कोरिया की प्रतिद्वंद्वियों को हराकर शानदार प्रदर्शन किया।
जूनियर लड़कों ने भी बेहतरीन प्रदर्शन किया, विशेषकर फलक, पियूष, उद्यम सिंह राघव, देवेंद्र चौधरी और लोवेन गुलिया ने दमदार खेल दिखाते हुए भारत की मजबूत उपस्थिति दर्ज कराई।
यह टूर्नामेंट 29 अगस्त तक उरुमची और यिली में चलेगा, जहाँ भारतीय जूनियर मुक्केबाज़ अपने शानदार फॉर्म को बरकरार रखते हुए अंतरराष्ट्रीय मंच पर अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करेंगे।
इसी बीच, भारतीय मुक्केबाज़ी महासंघ (BFI) ने इंग्लैंड के शेफ़ील्ड में होने वाले वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप की तैयारी के लिए 27 सदस्यीय सीनियर दल को हाई-इंटेंसिटी संयुक्त प्रशिक्षण शिविर में भेजा है। बीएफआई का कहना है कि इस कदम से भारतीय मुक्केबाज़ों को अंतरराष्ट्रीय अनुभव मिलेगा और वे टूर्नामेंट से पहले स्थानीय परिस्थितियों के अभ्यस्त हो सकेंगे।
With inputs from IANS