हमारा लक्ष्य है भारत को दुनिया के शीर्ष दस खेल राष्ट्रों में शामिल करना: मंडावियाBy Admin Fri, 12 September 2025 10:25 AM

नई दिल्ली- केंद्रीय युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्री मनसुख मंडाविया ने शुक्रवार को कहा कि केंद्र सरकार का दीर्घकालिक लक्ष्य भारत को दुनिया के शीर्ष दस खेल राष्ट्रों की सूची में शामिल करना है।

उन्होंने कहा, “हमने प्रधानमंत्री मोदी जी की दृष्टि के अनुरूप 10 साल और 25 साल की योजनाएं बनाई हैं। हमारा लक्ष्य भारत को विकसित राष्ट्र बनाना है और खेलों के क्षेत्र में भारत को दुनिया के शीर्ष 10 देशों में शामिल करना है। ये योजनाएं तैयार हैं और जल्द ही नीतिगत बदलावों के साथ लागू की जाएंगी।”

मंडाविया ने प्लेकॉम – बिज़नेस ऑफ़ स्पोर्ट्स समिट 2025 में अपने संबोधन के दौरान कहा, “आने वाले दिनों में भारतीय खेल क्षेत्र में बड़े बदलाव महसूस किए जा रहे हैं। हमारा लक्ष्य होना चाहिए कि भारत का तिरंगा हर मंच पर गर्व के साथ फहराया जाए। हमें खेलों को एक कदम और आगे ले जाना है – इसे जन आंदोलन बनाना है, एक सामूहिक मिशन जिसमें हर नागरिक जुड़े और भारत की खेल सफलता में योगदान दे।”

उन्होंने कहा कि खिलाड़ियों को भारत की विभिन्न खेल लीगों में प्रतिस्पर्धा और उत्कृष्टता हासिल करने के लिए और अधिक प्रयास करने होंगे। “इसके लिए मज़बूत कार्यसंस्कृति का निर्माण करना होगा, प्रतिभा को समय रहते पहचानना होगा और उसे व्यवस्थित तरीके से निखारना होगा। हमारे प्रसिद्ध खिलाड़ी इस प्रयास के केंद्र में होने चाहिए और हमें प्रतिभाशाली खिलाड़ियों के लिए अधिक अवसर पैदा करने होंगे ताकि वे भारत में ही प्रतिस्पर्धा कर सकें और आगे बढ़ सकें।”

मंडाविया ने 11 जून, 2024 को युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय का कार्यभार संभाला था। उन्होंने अपने कार्यकाल में लाए गए सुधारों का उल्लेख किया, जिनमें राष्ट्रीय खेल शासन विधेयक और राष्ट्रीय डोपिंग विरोधी (संशोधन) विधेयक शामिल हैं।

उन्होंने कहा, “देश में बेहतर खेल पारिस्थितिकी तंत्र बनाने और खेलों के प्रति रुचि बढ़ाने के लिए हमें सुधार और सकारात्मक बदलाव लाने होंगे। हम पहले ही फिट इंडिया और खेलो इंडिया जैसे अभियानों की शुरुआत कर चुके हैं, साथ ही TOPS योजना और अन्य सुविधाएं भी एलीट एथलीट्स को समग्र दृष्टिकोण के साथ प्रदान की जा रही हैं।”

मंडाविया ने आगे कहा, “हमने एक विज़न डॉक्युमेंट और खेल नीति तैयार की है। हम सर्वश्रेष्ठ मॉडल चाहते हैं, लेकिन वह हमारा अपना होना चाहिए। देशभर में अपार प्रतिभा है और इस प्रतिभा को मज़बूत खेल पारिस्थितिकी तंत्र बनाकर अवसर देने होंगे। बेहतर शासन सुनिश्चित करने के लिए हमने स्पोर्ट्स गवर्नेंस बिल पेश किया है, जो एथलीट-केंद्रित है।”

उन्होंने कहा, “पहले संघ अक्सर अपने विवादों में उलझे रहते थे, खिलाड़ियों पर ध्यान नहीं देते थे, लेकिन अब हमारी प्राथमिकता है कि खिलाड़ी खेलों के केंद्र में हों। इस विधेयक में महिला खिलाड़ियों की भागीदारी बढ़ाने का भी प्रावधान किया गया है क्योंकि हम महिलाओं की अधिक से अधिक भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”

“खेल शासन विवाद पैदा करने के लिए नहीं बल्कि विवाद सुलझाने के लिए होना चाहिए। इसी कारण हमने स्पोर्ट्स गवर्नेंस बिल में तत्काल विवाद निवारण की व्यवस्था की है। खिलाड़ियों के हितों की रक्षा के लिए विशेष प्रावधान किए गए हैं,” उन्होंने अपने भाषण का समापन करते हुए कहा।

 

With inputs from IANS